अपडेटेड 16 January 2025 at 11:51 IST

Jammu and Kashmir: रहस्यमय मौत के मामलों की संख्या बढ़कर 15 हुई, SIT गठित

Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में रहस्यमय मौत के मामलों की संख्या बढ़कर 15 हो चुकी है। जिस कारण एसआईटी का गठन किया गया है।

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65-year-old man declared dead by doctors  turns out alive in Maharashtra
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: Representative image

Jammu and Kashmir: जम्मू में बुधवार को एक अस्पताल में नौ वर्षीय एक लड़की की मौत हो गई, जिससे जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के एक सुदूर गांव में डेढ़ महीने में रहस्यमय कारणों से मौत के मामलों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है, जबकि पुलिस ने मौतों के कारणों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।

जम्मू-कश्मीर की स्वास्थ्य मंत्री सकीना मसूद ने बधाल गांव में हुई मौतों के पीछे किसी रहस्यमय बीमारी को कारण मानने से इनकार करते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के अंदर और बाहर किए गए सभी परीक्षणों के नतीजे नकारात्मक आए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बुधवार शाम को जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में इलाज करा रही जबीना की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पिछले चार दिन में उसके चार भाई-बहन और दादा की भी मौत हो गई।

सकीना मसूद ने हालांकि कहा कि पिछले साल सात दिसंबर से कोटरंका उप-मंडल के बधाल गांव में एक-दूसरे से जुड़े तीन परिवारों में हुईं मौतें अत्यंत चिंताजनक हैं और पुलिस एवं जिला प्रशासन कारण का पता लगाने के लिए तेजी से जांच करेगा।

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मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पांच लोगों की मौत की सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर जाकर 3,500 ग्रामीणों की जांच की गई।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘नमूने लिए गए जिन्हें जांच के लिए जम्मू कश्मीर के अंदर और बाहर विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेजा गया। कुछ दिन बाद तीन और लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद विभाग ने देश के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों की सहायता ली। उनके दल यहां पहुंचे और विस्तृत जांच की।’’

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मंगलवार शाम को अधिकारियों ने गांव में मौतों की कुल संख्या 14 बतायी थी।

राजौरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव सिकरवार ने कहा कि मौतों के मामले में शुरू की गई जांच कार्यवाही की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए बुधल के पुलिस अधीक्षक (अभियान) वजाहत हुसैन की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।

मसूद ने कहा कि 40 दिन से अधिक समय के बाद मौत फिर से होने लगी हैं और यह स्पष्ट है कि यदि मौतें किसी बीमारी के कारण हुई होतीं, तो यह तुरंत फैल जाती और उन तीन परिवारों तक सीमित नहीं होती, जो एक-दूसरे के निकट रहते हैं और एक-दूसरे से संबंधित हैं।

इस बीच, उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर और इससे बाहर की गई किसी भी जांच की रिपोर्ट में कुछ भी सामने नहीं आया है। इनमें पुणे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), दिल्ली में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), ग्वालियर में रक्षा अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (डीआरडीई) और पीजीआई-चंडीगढ़ में माइक्रोबायोलॉजी विभाग में की गई जांच भी शामिल है। उन्होंने कहा कि साथ ही पानी और अन्य खाद्य पदार्थों के नमूनों के मामले में भी यही स्थिति है।

पिछले महीने स्थिति का जायजा लेने के लिए गांव का दौरा करने वाली मंत्री ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य विभाग को ऐसी कोई बीमारी, वायरस या संक्रमण नहीं मिला, जिससे मौत हुई हों।’’

उन्होंने कहा कि मौतों का वास्तविक कारण जांच का विषय है।

कुछ मृतकों के नमूनों में कुछ ‘न्यूरोटॉक्सिन’ पाए जाने संबंधित स्वास्थ्य विशेषज्ञों के खुलासे के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि वे जांच पूरी होने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जिला विकास आयुक्त के संपर्क में हूं और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भी बात की है। सच्चाई को सामने लाने के लिए त्वरित जांच होनी चाहिए।’’

मसूद ने कहा कि वे फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) रिपोर्ट समेत कुछ परीक्षण रिपोर्ट का इंतजार कर रहे थे, जिसमें समय लगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि मौत किसी बीमारी या वायरस के कारण नहीं हुई थीं।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 16 January 2025 at 11:51 IST