अपडेटेड 2 February 2025 at 10:17 IST

शिवसेना के दोनों गुटों में सुलह कराने को तैयार हूं, लेकिन पहले दिल मिलना जरूरी: शिरसाट

Maharashtra: महाराष्ट्र में शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि शिवसेना के दोनों गुटों में सुलह कराने को तैयार हूं, लेकिन पहले दिल मिलना जरूरी है।

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Sanjay Shirsat
महाराष्ट्र में शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट | Image: Facebook

Maharashtra: महाराष्ट्र में शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि वह अपनी पार्टी और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के बीच सुलह कराने को तैयार हैं, लेकिन ‘‘पहले दिल मिलना जरूरी है।’’

शिवसेना प्रवक्ता ने शनिवार को एक मराठी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि वह और उनकी पार्टी के कई सहयोगी आज भी शिवसेना (उबाठा) नेताओं के साथ अच्छे संबंध रखते हैं।

शिरसाट ने कहा कि बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना में दो फाड़ होने से वह खुश नहीं हैं, जिसका नेतृत्व अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं।

यह पूछे जाने पर कि अगर उन्हें मौका मिले तो क्या वह सुलह कराने की कोशिश के लिये तैयार हैं, शिरसाट ने कहा, ‘‘मैं ऐसा करने को तैयार हूं, लेकिन पहले दिल मिलना जरूरी है।’’

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उन्होंने कहा कि दोनों दलों के नेता अब भी एक-दूसरे से गर्मजोशी से मिलते हैं।

शिरसाट ने कहा, ‘‘लेकिन दूरी इतनी हो गई है कि अगर इसे अभी नहीं मिटाया गया तो बाद में संबंधों को सुधारना मुश्किल हो जाएगा।’’

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यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना (उबाठा) नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे (34) सुलह करा सकते हैं, शिरसाट ने कहा कि युवा नेता ऐसी स्थिति में नहीं है क्योंकि उनकी उम्र अभी उतनी नहीं हैं।

शिरसाट ने शिवसेना (उबाठा) नेताओं की बयानबाजी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम एक-दूसरे की गलतियों को माफ कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कि एक-दूसरे को अपमानित करके आप साथ आ सकते हैं, तो यह संभव नहीं है।’’

जून 2022 में मूल शिवसेना पार्टी दो गुटों में बंट गई जब शिंदे ने विद्रोह कर दिया था और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन कर लिया था। इसके बाद, उन्हें पार्टी का नाम और इसका चुनाव चिह्न ‘‘धनुष और बाण’’ मिला।

विभाजन के बाद से, शिवसेना के दोनों गुट एक-दूसरे पर लगातार बयानबाजी कर हैं।

पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा नीत महायुति गठबंधन में भागीदार शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने 288 सीट में से 57 सीट जीती थीं।

इसके विपरीत, महा विकास आघाडी (एमवीए) के तहत कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के साथ गठबंधन करने वाली शिवसेना (उबाठा) को केवल 20 सीट मिलीं। कुल मिलाकर, महायुति ने 230 सीट जीतीं, जबकि एमवीए को सिर्फ 46 सीट मिलीं।

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Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 2 February 2025 at 10:17 IST