अपडेटेड 4 April 2023 at 00:25 IST

Happy Mahavir Jayanti: 30 की उम्र में वैराग्य, 12 वर्षों का कठोर तप, वर्धमान ऐसे बने भगवान महावीर

Mahavir Jayanti का त्यौहार जैन समुदाय के लोग धूमधाम से मनाते है। इस अवसर पर हम आपको भगवान महावीर का जीवन परिचय बता रहे हैं।

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lord mahavir (pc: twitter)
lord mahavir (pc: twitter) | Image: self

Mahavir Bhagwan Introduction: जैन धर्म में 24 तीर्थंकर बताए गए हैं। भगवान महावीर अंतिम और 24वें तीर्थंकर हैं, जिन्हें शासन नायक तीर्थंकर भी कहा जाता है। भगवान महावीर का जन्म आज से करीब 2600 वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ला त्रयोदशी के दिन हुआ था। उनका जन्म बिहार के वैशाली जिले के कुंडलपुर (कुंडग्राम) में हुआ था। 

भगवान महावीर का बचपन में नाम वर्धमान रखा गया था। उनके पिता राजा सिद्धार्थ थे और उनकी माता का नाम त्रिशला देवी था। बालक वर्धमान दिखने में तेजस्वी थे। उनके जन्म के समय धरती से लेकर स्वर्ग लोक तक खुशियां मनाई गई थी। 

30 वर्ष की उम्र में संसार से विरक्ति

भगवान महावीर की बचपन से ही धर्म में दिलचस्पी थी। मात्र 30 वर्ष की उम्र में उनके मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया और उन्होंने वन में जाकर दीक्षा ग्रहण कर ली। अल्पायु में ही उन्हें संसार से विरक्ति हो गई थी। राज्य और घर-परिवार का उन्हें बिल्कुल लोभ न था।

12 वर्षों तक किया कठोर तप

जैन धर्म के दिगंबर आम्नाय के अनुसार भगवान महावीर आजीवन ब्रह्मचर्य रहे थे यानी कि वे बाल ब्रह्मचारी थे, तो वहीं श्वेतांबर आम्नाय के अनुसार भगवान महावीर का विवाह यशोदा के साथ हुआ था। 30 वर्ष की उम्र में मुनि अवस्था धारण कर उन्होंने 12 वर्षों तक कठोर तप किया। 42 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली और कठोर साधना से उन्हें केवलज्ञान की प्राप्ति हो गई। 

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30 वर्षों तक किया धर्म का प्रचार

केवल ज्ञान (संपूर्ण ज्ञान) प्राप्त होने के बाद भगवान महावीर 30 वर्षों तक धर्म का प्रचार-प्रसार करते रहे। समवशरण की रचना में वे लोगों को धर्म के महत्व के बारे में बताया करते थे। नर-नारी, मुनिजन, देवी-देवता और यहां तक कि पशु भी उनके समवशरण में आया करते थे। 

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72 वर्ष की उम्र में मोक्ष

30 वर्षों तक भ्रमण के बाद 72 वर्ष की उम्र में भगवान महावीर आठ कर्मों का नाश कर मोक्ष प्राप्त किया। जैन धर्म के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और इसीलिए जैन समुदाय के लोग दीपावली का त्यौहार मनाते हैं। भगवान महावीर को कई पांच नामों से जाना जाता है- वीर, अतिवीर, सन्मति, वर्धमान और महावीर।

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Published By : Mohit Jain

पब्लिश्ड 4 April 2023 at 00:25 IST