Published 14:44 IST, September 9th 2024
IPS अधिकारी की RSS के वरिष्ठ नेता से मुलाकात पर एलडीएफ ने मांगा जवाब
आईपीएस अधिकारी एम आर अजित कुमार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक वरिष्ठ नेता के बीच पिछले साल हुई विवादित बैठक को लेकर केरल की राजनीति में हलचल जारी है।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी एम. आर. अजित कुमार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक वरिष्ठ नेता के बीच पिछले साल हुई विवादित बैठक को लेकर केरल की राजनीति में हलचल जारी है। इस बीच, राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के संयोजक टी. पी. रामकृष्णन ने इस बैठक के कारण और मंशा के संबंध में विस्तृत जांच की मांग की है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता रामकृष्णन ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) ने खुद स्वीकार किया कि उन्होंने दक्षिणपंथी विचारधारा के नेता से मुलाकात की। उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘तो, वे क्यों गए थे? इसकी (बैठक की) मंशा क्या थी? इन चीजों की विस्तार से जांच होनी चाहिए।’’
माकपा नेता ने कहा कि आरोप के संबंध में सरकार के स्तर पर जांच पहले से ही जारी है और मुद्दे के सभी पहलुओं को जांच के दायरे में लाए जाने की संभावना है। रामकृष्णन ने कहा, ‘‘अगर अधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करेगी। इस संबंध में सरकार और एलडीएफ का रुख बिल्कुल स्पष्ट है।’’
एलडीएफ विधायक पी. वी. अनवर द्वारा कई प्रेस वार्ता में एडीजीपी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह माकपा सदस्य नहीं हैं और इसलिए उनके स्वतंत्र रुख एवं कार्यों को नियंत्रित करने में पार्टी की कुछ सीमाएं हैं। इस बीच माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य ए. विजयराघवन ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन किसी भी कदाचार का समर्थन करने वाले व्यक्ति नहीं हैं। उन्होंने मीडिया पर इस मामले को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा करने का भी आरोप लगाया।
केरल में अजीत कुमार की आरएसएस नेता से मुलाकात पर सवाल
नयी दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में वरिष्ठ वामपंथी नेता और वित्त मंत्री के एन. बालगोपाल ने इस विवाद को कम तवज्जो देते हुए कहा कि कोई भी यह नहीं कह सकता कि कोई अधिकारी किसी से नहीं मिल सकता। केरल में अजीत कुमार की आरएसएस नेता से मुलाकात को लेकर सत्तारूढ़ माकपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। वाम दल ने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज कर दिया है कि अधिकारी मुख्यमंत्री विजयन के दूत बनकर गए थे।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, विजयन के करीबी विश्वासपात्र कुमार ने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को स्पष्टीकरण दिया कि उन्होंने पिछले साल मई में त्रिशूर में आरएसएस महासचिव होसबोले से मुलाकात की थी, लेकिन स्पष्ट किया कि यह एक ‘‘व्यक्तिगत मुलाकात’’ थी।
Updated 14:44 IST, September 9th 2024