अपडेटेड 30 July 2024 at 18:23 IST

UP में धर्मांतरण कानून हुआ पास... तो जान लीजिए देशभर में किन-किन राज्यों ने लव जिहाद पर कसा शिकंजा?

Love Jihad Law: भारत में लव जिहाद के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। ऐसे केस को रोकने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए कई राज्यों सरकारों ने कानून बनाए हैं।

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Love Jihad Law: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम, 2024 (लव जिहाद) बिल पास हो गया है। यूपी में पहचान छिपाकर लड़कियों को अपने प्यार में फंसाने वालों की अब खैर नहीं है। योगी आदित्यनाथ ने लव जिहाद के खेल को फेल करने का पूरा इंतजाम कर लिया है। इस कानून में लव जिहाद की सजा उम्रकैद तक है, यानि योगी सरकार का संदेश साफ है कि अगर यूपी में लड़कियों को धोखे से प्यार में फंसाने की साजिश हुई तो आरोपी अपनी इस गलती के लिए पूरा जीवन पछताएगा।

योगी के नए कानून में सिर्फ लव जिहाद पर ही सख्ती नहीं की गई है, बल्कि अवैध धर्मांतरण के नियमों को भी इसमें जोड़ा गया है। इस संशोधित अधिनियम में छल-कपट या जबरदस्ती से कराए गए धर्मांतरण के मामलों में कानून को पहले से सख्त बनाते हुए अधिकतम आजीवन कारावास या 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। किसी महिला को धोखे से जाल में फंसाकर उसका धर्मांतरण करने, उससे अवैध तरीके से शादी करने और उसका उत्पीड़न करने के दोषियों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। पहले इसमें अधिकतम 10 साल की कैद का प्रावधान था।

'लव जिहाद' के दायरे में क्या?    

संशोधित बिल की बात हो रही है तो जानना ये भी जरूरी है कि लव जिहाद के दायरे में क्या-क्या आता है। पहचान बदलकर शादी करना और छिपाकर धर्म बदलवाना लव जिहाद के दायरे में आता है। इसके अलावा धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग, डर दिखाकर धर्म बदलवाना, बल प्रयोग कर शादी करना और शादी के लिए साजिश करना भी लव जिहाद माना जाता है।

लव जिहाद पर कहां-कहां कानून?  

भारत में लव जिहाद के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। ऐसे केस को रोकने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए कई राज्यों सरकारों ने कानून बनाए हैं।

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धमकी देने पर भी सजा

यूपी में पहले लव जिहाद करने पर 2 से 10 साल जेल और 25 हजार तक जुर्माना भरना पड़ता था। अब अधिकतम सजा उम्रकैद और एक लाख तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसमें प्रस्ताव किया गया है कि कोई व्यक्ति धर्मांतरण कराने के इरादे से किसी को अगर धमकी देता है, उसपर हमला करता है, उससे शादी करने का वादा करता है या इसके लिए साजिश रचता है, महिला, नाबालिग या किसी की तस्करी करता है तो उसके अपराध को सबसे गंभीर श्रेणी में रखा जाएगा। संशोधित अधिनियम में ऐसे मामलों में 20 साल कारावास या आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है। जब यह विधेयक के रूप में पहली बार पारित करने के बाद कानून बना तब इसके तहत अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया था।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 30 July 2024 at 18:23 IST