अपडेटेड 13 April 2025 at 22:51 IST

Murshidabad Violence: 'मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद घरों से पलायन कर रहे हिन्दू', BJP का बड़ा दावा; जानिए अब तक के बड़े अपडेट्स

कलकत्ता हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि शांति बहाल रखने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए।

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mamata-banerjee-suvendu-adhikari | Image: PTI/Republic Bharat

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। उत्तर बंगाल के कई इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि पुलिस ने 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इस हिंसा को लेकर राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि राज्य में हिंदुओं की सुरक्षा खतरे में है। पार्टी का कहना है कि हिंसा के डर से हिंदू समुदाय के लोग अपने घर छोड़कर पलायन को मजबूर हो रहे हैं। बीजेपी नेताओं ने इसे ममता सरकार की "तुष्टिकरण की नीति" का परिणाम बताया और राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने केंद्र से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार स्थिति को संभालने में पूरी तरह विफल रही है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "जो लोग समाज में नफरत फैला रहे हैं, वे असल में बंगाल की शांति और एकता को नुकसान पहुंचा रहे हैं। राज्य सरकार किसी भी कीमत पर दंगा फैलाने वालों को बख्शेंगी नहीं।" इधर, बढ़ते तनाव को देखते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि शांति बहाल रखने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए। अदालत ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए। राज्य में बढ़ते राजनीतिक तनाव और कानून-व्यवस्था की चुनौती के बीच आने वाले दिनों में सियासत और तेज होने की संभावना है। आइए आपको बताते हैं मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर अब तक के बड़े अपडेट्स
 

  1. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। यह इलाका उन प्रमुख क्षेत्रों में शामिल है, जहां संसद द्वारा विधेयक को मंजूरी दिए जाने के तुरंत बाद असंतोष की लहर देखने को मिली। केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए इस संशोधन विधेयक के तहत देशभर में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके कानूनी दायरे में अहम बदलाव किए गए हैं। सरकार का कहना है कि यह विधेयक पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से लाया गया है, लेकिन इसके खिलाफ कई समुदायों और संगठनों में गहरी नाराज़गी देखी जा रही है।
     
  2. मुर्शिदाबाद में हुए विरोध प्रदर्शनों को लेकर अब राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। स्थानीय संगठनों का आरोप है कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को कमजोर करता है और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सीधा हमला है। वहीं, सरकार का तर्क है कि यह कदम भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए जरूरी है। हालांकि अभी विरोध शांतिपूर्ण हैं, लेकिन प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है और किसी भी संभावित अशांति से निपटने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। वक्फ संशोधन विधेयक के सामाजिक और राजनीतिक असर को लेकर आने वाले दिनों में देशव्यापी बहस और तेज होने की संभावना है।
     
  3. वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ भड़की हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के कई इलाके संवेदनशील बने हुए हैं। हिंसा की चपेट में आए सूती, धुलियान, शमशेरगंज और जंगीपुर क्षेत्रों में हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताए जा रहे हैं। राज्य पुलिस ने बयान जारी करते हुए बताया कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। हिंसा की पुनरावृत्ति को रोकने के उद्देश्य से इन इलाकों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, जिसके तहत लोगों के बड़े समूहों में एकत्र होने पर रोक है।
     
  4. पुलिस और प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और अफवाहों से बचने के लिए सोशल मीडिया पर निगरानी तेज कर दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और गश्त बढ़ा दी गई है। स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने और सामान्य स्थितियों को बहाल करने के प्रयासों के तहत प्रशासन लगातार ज़मीनी हालात की समीक्षा कर रहा है।
     
  5. वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में भड़की हिंसा के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपनाया है। शनिवार को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने स्थिति को "गंभीर और अस्थिर" करार देते हुए प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तत्काल तैनाती का निर्देश दिया। अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब नागरिकों की जान और संपत्ति खतरे में हो, तब संवैधानिक न्यायालय मूकदर्शक नहीं बना रह सकता, न ही केवल तकनीकी दलीलों में उलझे रहना उचित है।
     
  6. न्यायमूर्ति की टिप्पणी ने राज्य सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि स्थिति नियंत्रण में है और स्थानीय पुलिस पर्याप्त है। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि यदि समय रहते प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। इस आदेश को कानून-व्यवस्था की बहाली के लिए एक निर्णायक हस्तक्षेप माना जा रहा है। अदालत के निर्देश के बाद केंद्र और राज्य प्रशासन के बीच समन्वय को लेकर गतिविधियां तेज़ हो गई हैं।
     
  7. मुर्शिदाबाद सहित राज्य के कई हिस्सों में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को जनता से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि दंगों के पीछे जो भी तत्व हैं, वे समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “यह कानून राज्य सरकार ने नहीं, बल्कि केंद्र ने पारित किया है, जो खुद अब सवालों के घेरे में है।” उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर तृणमूल कांग्रेस पहले ही अपना विरोध दर्ज करा चुकी है, और यह कानून अल्पसंख्यक समुदायों की स्वायत्तता के खिलाफ है।
     
  8. ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी प्रकार की हिंसा या अशांति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने लोगों से शांति और संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि सरकार किसी निर्दोष को परेशान नहीं करेगी, लेकिन हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस बयान के साथ ही राज्य की राजनीति में केंद्र बनाम राज्य की खींचतान और तीव्र हो गई है।
     
  9. पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा के बाद सियासी तापमान तेज हो गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि 400 से अधिक हिंदू परिवारों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "बंगाल में धार्मिक उत्पीड़न एक वास्तविकता है। तृणमूल कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति ने कट्टरपंथी ताकतों को खुली छूट दे दी है। हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है, और अब वे अपनी ही जमीन पर सुरक्षित नहीं हैं।"
     
  10. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केवल एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए काम कर रही है, जबकि बहुसंख्यक समुदाय को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही है। अधिकारी ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की और पीड़ित परिवारों की सुरक्षा और पुनर्वास की गारंटी देने की बात कही। भाजपा नेता का यह बयान उस समय आया है जब हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में तनाव बना हुआ है और राज्य सरकार की ओर से शांति बहाली के प्रयास जारी हैं। राजनीतिक गलियारों में इस बयान को तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है।
     
  11. पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा के बीच राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि अदालत ने समय पर हस्तक्षेप कर उचित निर्णय लिया है, जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहायता मिलेगी। राज्यपाल बोस ने अपने बयान में कहा,"मुझे खुशी है कि हाई कोर्ट ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए समय पर हस्तक्षेप किया और लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उचित निर्णय दिया।"
     
  12. राज्यपाल की यह टिप्पणी उस समय आई है जब राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर राज्य में स्थिति अस्थिर बनी हुई है, और विभिन्न दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। उन्होंने सभी पक्षों से संविधान और कानून का पालन करते हुए शांति बनाए रखने की अपील की। बताया जा रहा है कि राज्यपाल स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं और केंद्र सरकार से भी संपर्क में हैं ताकि यदि आवश्यक हो तो और कदम उठाए जा सकें। राज्यपाल का यह रुख संवैधानिक दायित्वों के अनुरूप माना जा रहा है, जिसमें वे राज्य की शांति, सुरक्षा और नागरिकों के हितों की रक्षा को सर्वोपरि मानते हैं।
     
  13. वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में पश्चिम बंगाल में उबाल जारी है। मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में 8 अप्रैल को हिंसा भड़क उठी, जब विरोध प्रदर्शन ने अचानक उग्र रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाज़ी की और पुलिस के कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हालात को देखते हुए सुरक्षाबलों को इलाके में तैनात किया गया और निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। हिंसा का यह ताजा दौर तब सामने आया है जब राजधानी कोलकाता सहित राज्य के अन्य हिस्सों में नए वक्फ कानून के खिलाफ पहले ही बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। इन प्रदर्शनों में विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने भाग लिया और कानून को "भेदभावपूर्ण और समुदाय विरोधी" करार दिया।
     
  14. प्रशासन ने हालात को काबू में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती की है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कुछ इलाकों में अब भी तनाव बना हुआ है और इंटरनेट सेवा आंशिक रूप से बाधित है। वहीं दूसरी ओर, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज़ हो गया है। जहां राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रण में बता रही है, वहीं विपक्ष हिंसा के लिए सरकार की "लचर नीति" को जिम्मेदार ठहरा रहा है। हिंसा से उपजे हालात को देखते हुए अब यह मामला कानून-व्यवस्था से निकलकर सीधे राजनीतिक और सांप्रदायिक विमर्श का हिस्सा बनता जा रहा है।
     
  15. पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ भड़के विरोध और हिंसा के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कुमार ने स्थिति को लेकर एक स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस को निर्देश दिया है कि किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी या उपद्रव को बर्दाश्त न किया जाए और कानून के तहत कठोर कार्रवाई की जाए। डीजीपी ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि, "यह आंदोलन शुरू में एक शांतिपूर्ण विरोध था, लेकिन जल्द ही इसमें कुछ असामाजिक तत्व शामिल हो गए जिन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और फिर स्थिति ने सांप्रदायिक रंग ले लिया।"

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 13 April 2025 at 21:47 IST