Updated January 8th, 2019 at 11:48 IST

CBI Vs CBI: आलोक वर्मा की याचिका पर आया कोर्ट का 'सुप्रीम' फैसला, देखें LIVE UPDATE

CBI के निदेशक आलोक कुमार वर्मा के केन्द्र के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा.

Reported by: Ayush Sinha
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सुबह 11:10 बजे : वकील प्रशांत भूषण ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने आज सरकार के फैसले और CVC निदेशक की शक्ति के आलोक वर्मा को विभाजित करने के CVC के फैसले को खारिज कर दिया है और उन्होंने उसे CBI निदेशक के रूप में बहाल कर दिया है. सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजने के फैसले को रद्द करते हुए अदालत ने कहा कि वो इस समय तक कोई भी बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं ले सकती है कि पीएम, विपक्ष की नेता और सीजेआई की यह उच्च-स्तरीय समिति बैठक करती है और इस मामले पर विचार करती है. उन्होंने मामले को एक सप्ताह के भीतर उच्चाधिकार प्राप्त समिति के समक्ष आने का निर्देश दिया है.''

सुबह 11:00 बजे : कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'पहले उन्हें हटा दिया गया था क्योंकि वो केस की कार्यवाही में सहयोग नहीं कर रहे थे. हमें जानकारी मिली कि उसके पास राफेल फाइलें हैं या उसके पास सौदे की जानकारी है. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं और यह सरकार के लिए एक झटका है.'

सुबह 10:58 बजे : सुप्रीम कोर्ट ने डीएसपीई अधिनियम के तहत हाई पावर कमेटी से कहा कि वह एक हफ्ते के भीतर आलोक वर्मा के मामले पर विचार करें

सुबह 10:55 बजे : चयन समिति का गठन प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और CJI से मिलकर किया गया है. नेता प्रतिपक्ष को एकल सबसे बड़े दल के नेता द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है.

10:50 बजे : संजय हेगड़े, आलोक वर्मा के वकील ने कहा कि आज की जीत संस्थागत अखंडता के लिए है. SC ने आज इस देश में जांच एजेंसी की स्वतंत्रता को दोहराया है. मैं इसे श्री वर्मा के लिए नहीं, बल्कि संस्थागत स्वतंत्रता के लिए एक जीत के रूप में देखता हूं. वर्मा हमेशा स्वतंत्र रूप से कार्य करेंगे.

सुबह 10:44 बजे : आलोक वर्मा ने अंतरिम अवधि में सीबीआई निदेशक के रूप में बहाल किया. चयन समिति से संपर्क करने के लिए सरकार इसके अलावा, आलोक वर्मा द्वारा कोई नया नीतिगत निर्णय नहीं लिया जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के अधिकार वापस लेने के केन्द्र के फैसले को रद्द किया

डीएसपीई अधिनियम के तहत एक चयन समिति ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाने पर विचार किया. चयन समिति में CJI, प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता शामिल हैं.

सुबह 10:35 बजे : बेंच इकट्ठी हुई. आलोक वर्मा मामले में सुनाया जाना है फैसला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक आलोक कुमार वर्मा को उनके अधिकारों से वंचित कर अवकाश पर भेजने के केन्द्र के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना दिया है.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आलोक वर्मा द्वारा दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है, जो केंद्र द्वारा उन्हें छुट्टी पर भेजने के फैसले को चुनौती देती है.

पीठ ने आलोक वर्मा, केंद्रीय सरकार, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), और मामले में शामिल अन्य लोगों की सभी दलीलें सुनने के बाद पिछले साल 6 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक कुमार वर्मा और ब्यूरो के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी जंग सार्वजनिक होने के बाद सरकार ने पिछले साल 23 अक्टूबर को दोनों अधिकारियों को उनके अधिकारों से वंचित कर अवकाश पर भेजने का निर्णय किया था. दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.

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केंद्र ने इसके साथ ही ब्यूरो के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को जांच एजेंसी के निदेशक का अस्थाई कार्यभार सौंप दिया था.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने पिछले साल छह दिसंबर को आलोक वर्मा की याचिका पर वर्मा, केंद्र, केंद्रीय सतर्कता आयोग और अन्य की दलीलों पर सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि इस पर निर्णय बाद में सुनाया जाएगा.

पीठ ने गैर सरकारी संगठन कामन काज की याचिका पर भी सुनवाई की थी. इस संगठन ने न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल से राकेश अस्थाना सहित जांच ब्यूरो के तमाम अधिकारियों के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराने का अनुरोध किया था.

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Published January 8th, 2019 at 08:51 IST

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