अपडेटेड 19 March 2024 at 13:55 IST

कृष्ण जन्मभूमि मामला: न्यायालय ने 15 मुकदमों को समाहित करने के आदेश के खिलाफ याचिका का निपटारा किया

उच्च न्यायालय ने 11 जनवरी को ‘न्याय के हित में’ निर्देश दिया था कि हिंदू वादी द्वारा दायर एक आवेदन पर 15 मुकदमों को समाहित कर दिया जाए।

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Krishna Janmabhoomi and Shahi Idgah Mosque
The Krishna Janmabhoomi temple and Shahi Idgah mosque in Mathura, UP | Image: ANI

उच्चतम न्यायालय ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित 15 मुकदमों को समाहित करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली एक नई याचिका का मंगलवार को निस्तारण कर दिया।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाही मस्जिद ईदगाह की प्रबंध न्यासी समिति को उच्च न्यायालय के समक्ष आदेश वापसी की याचिका दायर करने की स्वतंत्रता प्रदान की। समिति ने उच्च न्यायालय के 11 जनवरी के आदेश को चुनौती दी है। पीठ ने आदेश दिया, ‘‘याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया है। हम मौजूदा विशेष अनुमति याचिका का निस्तारण करते हैं और याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय में फिर से याचिका दायर करने की छूट देते हैं।’’

समिति के वकील ने कहा कि 11 जनवरी के आदेश को वापस लेने का आवेदन उच्च न्यायालय में लंबित है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि आवेदन को एक विशिष्ट तारीख पर उच्च न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाए। हालांकि पीठ ने ऐसा कोई आदेश जारी करने से इनकार कर दिया।

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उच्च न्यायालय ने 11 जनवरी को ‘न्याय के हित में’ निर्देश दिया था कि हिंदू वादी द्वारा दायर एक आवेदन पर 15 मुकदमों को समाहित कर दिया जाए। हिंदू पक्ष ने उच्च न्यायालय में अपने आवेदन में कहा था कि दीवानी न्यायाधीश (वरिष्ठ संभाग), मथुरा के समक्ष 25 सितंबर, 2020 को दायर मूल मुकदमे और 13.37 एकड़ जमीन से संबंधित अन्य मुकदमों को समाहित कर दिया जाए।

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Published By : Ritesh Kumar

पब्लिश्ड 19 March 2024 at 13:55 IST