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Published 13:27 IST, October 9th 2024

Kolkata Rape-Murder Case: जूनियर डॉक्टर्स का आमरण अनशन पांचवें दिन भी जारी

पश्चिम बंगाल में आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म एवं हत्या मामले में मृतका के लिए न्याय और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों का ‘‘आमरण अनशन’’ बुधवार को पांचवें दिन भी जारी है।

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Doctors' protest
जूनियर डॉक्टर्स का आमरण अनशन | Image: PTI

पश्चिम बंगाल में आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म एवं हत्या मामले में मृतका के लिए न्याय और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों का ‘‘आमरण अनशन’’ बुधवार को पांचवें दिन भी जारी है।

कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में चिकित्सक स्निग्धा हाजरा, तनया पांजा और अनुस्तुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम के अर्नब मुखोपाध्याय, एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य और केपीसी मेडिकल कॉलेज की सायंतनी घोष हाजरा शनिवार शाम से आमरण अनशन पर हैं और रविवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अनिकेत महतो भी उनके साथ शामिल हो गए।

कूचबिहार मेडिकल कॉलेज के दो अन्य कनिष्ठ चिकित्सक भी यहां अपने सहकर्मियों के समर्थन में लगातार तीसरे दिन भूख हड़ताल कर रहे हैं।

आंदोलनरत कनिष्ठ चिकित्सकों में से एक अनिकेत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमसे किए गए वादे पूरे होने तक हम यह भूख हड़ताल जारी रखेंगे। सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ नेता हमारे आंदोलन का मजाक बना रहे हैं लेकिन हम उन्हें बताना चाहते हैं कि इसमें कुछ भी फर्जी नहीं है। अगर वे चाहें, तो यहां आ सकते हैं और खुद देख सकते हैं... हम अपनी मांगों के पूरा होने तक नहीं रुकेंगे।’’

एक और आंदोलनरत चिकित्सक ने कहा कि प्रदर्शनरत कनिष्ठ चिकित्सक रक्त दान शिविर आयोजित करने के अलावा बुधवार को शहर के विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों में अपनी मृतक सहकर्मी के लिए न्याय की मांग को रखते हुए पर्चें बांटेंगे।

‘वेस्ट बंगाल ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स’ के संयुक्त संयोजकों में से एक डॉ़ पुण्यब्रत गुण ने कहा कि वे कनिष्ठ चिकित्सकों का समर्थन जारी रखेंगे और वे उनकी मांगों को पूरा किए जाने तक सरकार पर दबाव बनाने के लिए इस्तीफा देने को भी तैयार है।

मंगलवार को अपने सहकर्मियों के समर्थन में आए वरिष्ठ चिकित्सकों ने शहर में दो रैलियां निकाली और उनकी बुधवार को अपराध की त्वरित जांच की मांग को लेकर शहर के करुणामयी मोड़ से सीजीओ कॉम्प्लैक्स स्थित सीबीआई कार्यालय तक एक और मार्च निकालने की योजना है।

कनिष्ठ चिकित्सकों ने शुक्रवार को पूरी तरह काम बंद कर दिया था जिससे राज्य सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं चरमरा गयीं।

प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने इस बात पर जोर दिया कि मृतक महिला चिकित्सक के लिए न्याय सुनिश्चित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उन्होंने स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम को तुरंत हटाने के साथ ही कथित प्रशासनिक अक्षमता के लिए जवाबदेही ठहराने और विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।

उनकी अन्य मांगों में राज्य में सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली लाना, अस्पतालों में एक डिजिटल बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली स्थापित करना और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल कक्ष तथा शौचालयों के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते कार्य बल का गठन भी शामिल है।

वे अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती और चिकित्सक, नर्स तथा अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए रिक्त पदों को तुरंत भरने की भी मांग कर रहे हैं।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को साथी चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना के बाद से कनिष्ठ चिकित्सक हड़ताल पर हैं।

कनिष्ठ चिकित्सक 42 दिन के विरोध प्रदर्शन के बाद 21 सितंबर को सरकारी अस्पतालों में आंशिक रूप से अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। सरकार ने उनकी ज्यादातर मांगों को पूरा किए जाने का वादा किया था।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 13:27 IST, October 9th 2024