अपडेटेड 17 February 2025 at 18:55 IST
दिल्ली दंगे: अदालत ने जांच अधिकारियों को पहले के आदेश से अवगत कराने के लिए कहा
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला दंगों से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें आरोपों पर बहस की जा रही थी।
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दिल्ली की एक अदालत ने संबंधित पुलिस उपायुक्त को यह निर्देश दिया है कि वह दिल्ली दंगों के मामलों की पड़ताल कर रहे सभी जांच अधिकारियों (आईओ) को अदालत के उस फैसले से अवगत कराएं, जिसमें उन्हें (आईओ) दलीलों और आरोपों पर बहस के दौरान व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला दंगों से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें आरोपों पर बहस की जा रही थी।
अदालत में पिछले साल 17 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान पाया गया कि जांच अधिकारी इस मामले से संबंधित कुछ सवालों का जवाब देने के लिए उपस्थित नहीं थे, जिसमें वीडियो क्लिप की संख्या तथा आरोपियों को केवल चयनित वीडियो क्लिप उपलब्ध कराए जाने का प्रश्न शामिल था।
अदालत ने 13 फरवरी को सुनवाई के दौरान थाना प्रभारी (एसएचओ) के जवाब पर गौर किया कि जांच अधिकारी (उपनिरीक्षक) राजीव कुमार यहां अनुपस्थित रहे क्योंकि उन्हें उपस्थिति के लिए कोई समन या सूचना नहीं मिली थी।
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न्यायाधीश ने कहा, ‘‘जहां तक मुझे याद है कि इससे पहले, दंगों के मामलों के संबंध में पुलिस आयुक्त के आदेश पर दिल्ली पुलिस मुख्यालय से एक कार्यालय आदेश जारी किया गया था जिसके तहत सभी जांच अधिकारियों को अदालत के समक्ष उपस्थित रहने के लिए कहा गया था, कम से कम तब जब आरोपों और दलीलों पर बहस की जानी हो।’’
उन्होंने कहा कि कार्यालय आदेश की जानकारी संभवतः थाना प्रभारी और आईओ को नहीं थी।
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न्यायाधीश ने कहा, ‘‘डीसीपी (उत्तर-पूर्व जिला) अपने अधीनस्थ अधिकारियों को विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जारी निर्देशों/दिशानिर्देशों/परिपत्रों/कार्यालय आदेशों के बारे में अवगत कराने के लिए उचित कदम उठाएं और ऐसे आदेशों की अनदेखी करने वालों की जवाबदेही तय करने के लिए एक तंत्र भी स्थापित करें।’’
Published By : Ritesh Kumar
पब्लिश्ड 17 February 2025 at 18:55 IST