अपडेटेड 25 May 2024 at 11:07 IST

बाजार में बिक रहा आवारा कुत्तों का खून! एक यूनिट की कीमत 10 हजार; जानिए क्यों खरीद रहे अमीर लोग

Bareilly: ऐसा पता चला है कि आरोपी कुत्तों का खून प्रति यूनिट आठ से दस हजार रुपये में उन लोगों को बेचा करते थे जो कुत्ता पालते हैं। अब ये गिरोह पकड़ा गया है।

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Three-Year-Old Dies After Being Attacked By Stray Dog
बिक रहा आवारा कुत्तों का खून! | Image: X

Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली से कुत्तों का खून बेचने का मामला सामने आया है। इसका आरोप एक गिरोह पर लगा है जिसमें कथित तौर पर कुछ पशु चिकित्सक भी शामिल हैं। मामला सामने आने के बाद बरेली पुलिस ने एक रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गिरोह पर कुत्तों का खून बेचने के गैर कानूनी कार्य में शामिल होने जैसे आरोप लगे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि मेनका गांधी के NGO की कॉल आने के बाद ही कोतवाली पुलिस ने कुत्तों का खून बेचने के आरोप में एक युवक के खिलाफ केस दर्ज किया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

बरेली में कुत्तों का खून बेचने का मामला आया सामने

जब एक आरोपी से पूछताछ की गई तो उसने खुलासा किया कि एक बहुत बड़ा रैकेट चलाया जा रहा है जिसमें एक बड़े संस्थान से जुड़े लोग और कुछ पशु चिकित्सक भी मिले हुए हैं। खबरों की माने तो, बरेली पुलिस ने इस मामले में कई अहम सबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं। पुलिस को कुछ कॉल रिकार्डिंग मिली हैं जो इस रैकेट का भंडाफोड़ करने में मदद करेंगी। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वादी पक्ष से जुड़ीं मर्सी फॉर ऑल सोसाइटी की ऑपरेटर शालिनी अरोरा ने आरोप लगाया है कि आरोपी लगभग पांच साल से इस तरह का अनैतिक काम कर रहा है। उसके पशु चिकित्सा से जुड़े एक संस्थान से भी कॉन्टैक्ट हैं जो इस काम में शामिल हैं। एक मेडिकल स्टोर से सेटिंग की बात भी सामने आई है। 

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कितने रुपये में बेचा जा रहा खून?

ऐसा पता चला है कि आरोपी कुत्तों का खून प्रति यूनिट आठ से दस हजार रुपये में उन लोगों को बेचा करते थे जो कुत्ता पालते हैं। पीपल फॉर एनिमल्स ने जानकारी दी है कि उन्हें कई समय से ऐसी खबरें मिल रही थीं कि ये गिरोह सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों का खून निकाल रहे थे और उन्हें मोटे पैसों में बेच रहे थे। इसका आरोप आलमगीरीगंज घी मंडी के निवासी वैभव शर्मा और उसके साथियों पर लगा है।

खबरों के मुताबिक, पीएफए का ऐसा आरोप है कि वैभव नगर निगम में कुत्तों की नसबंदी करने वाली एक संस्था के साथ काम करता था जिस वजह से उसके लिए सड़क पर घूमने वाले कुत्तों को पकड़ना बाएं हाथ का खेल है। वह कुत्तों का खून निकालकर उन अमीरजादों को बेचता था जिन्हें अपने कुत्ते के लिए जरूरत पड़ती थी। हालांकि, वैभव ने इन आरोपों को ठुकरा दिया है। उसने कहा कि वह लोगों की शिकायत पर कुत्तों की देखभाल का काम करता है। इस बीच, मामले की जांच पूरी होने पर ही सारा सच सामने आ पाएगा।

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Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 25 May 2024 at 11:00 IST