अपडेटेड 5 April 2024 at 14:43 IST

यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड एक्ट पर बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई अंतरिम रोक

UP Madrasa Education Board Act: शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 2004 के अधिनियम के प्रावधानों के गलत अर्थ निकाले।

Follow : Google News Icon  
UP Madarsas
UP government forms SIT to probe funds received by madrasas from abroad. | Image: PTI/Representative

UP Madrasa Education Board Act: उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को ‘असंवैधानिक’ और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला करार दिया गया था।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया।

पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा,‘‘ मदरसा बोर्ड का उद्देश्य नियामक सरीखा है और प्रथम दृष्टया इलाहाबाद उच्च न्यायालय की यह बात सही नहीं प्रतीत होती कि बोर्ड का गठन धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन होगा।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 2004 के अधिनियम के प्रावधानों के गलत अर्थ निकाले।

Advertisement

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 22 मार्च को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को ‘‘असंवैधानिक’’ और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला करार दिया था। उच्च न्यायालय ने साथ ही राज्य सरकार को वर्तमान छात्रों को औपचारिक स्कूल शिक्षा प्रणाली में समायोजित करने को कहा था।

Advertisement

अदालत ने यह आदेश अंशुमान सिंह राठौर नाम के व्यक्ति की याचिका पर दिया। याचिका में उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी।

Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 5 April 2024 at 14:43 IST