अपडेटेड 30 May 2025 at 16:49 IST
Ankita Bhandari Case Verfict: उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोर्ट ने दोषियों को सजा का ऐलान कर दिया। उत्तराखंड के कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इस मामले में सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया। थोड़ी देर बाद कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा का ऐलान किया। कोर्ट के इस फैसले के बाद अंकिता की मां के आंसू निकलने लगे। अंकिता मर्डर केस उत्तराखंड का हाई-प्रोफाइल केस था जिसकी सुनवाई करीब दो साल आठ महीने तक चली, जिसके दौरान तमाम सबूतों और गवाहों को अदालत के सामने पेश किया गया। अभियोजन पक्ष ने 47 गवाहों की गवाही दर्ज करवाई, जिनके बयानों और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
अंकिता भंडारी ने 28 अगस्त 2022 को एक ऑनलाइन विज्ञापन देखकर वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी ज्वॉइन की थी। लेकिन शायद कुछ ही समय में वह वहां चल रहे गैरकानूनी गतिविधियों को समझ गई थी। यही कारण था कि नौकरी ज्वॉइन करने के महज तीन हफ्ते बाद ही वह दूसरी नौकरी की तलाश में निकल पड़ी थी। इस मामले में करीब 26 महीने तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद शुक्रवार, 30 मई को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अपना फैसला सुनाया। अदालत ने भाजपा के पूर्व नेता विनोद आर्य के बेटे समेत तीन आरोपियों को अंकिता की हत्या का दोषी करार दिया। सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और उन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। हालांकि, इस फैसले से मृतका की मां संतुष्ट नहीं दिखीं। कोर्ट से बाहर निकलते ही उनकी आंखों से आंसू बह निकले। उन्होंने भावुक होकर कहा कि उन्हें अदालत से दोषियों को फांसी की सजा मिलने की उम्मीद थी।
18 सितंबर 2022 को उत्तराखंड के पौड़ी ज़िले में 19-वर्षीय अंकिता भंडारी के लापता होने और कुछ दिन बाद नहर से मिले उसके शव ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। अंकिता यमकेश्वर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी; कहा जाता है कि नौकरी जॉइन करने के बाद वह वहां चल रही अवैध गतिविधियों को भांप गई थी और महज़ तीन हफ़्ते में दूसरी नौकरी की तलाश में थी। मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस ने विशेष जांच टीम (SIT) गठित की, जिसने 500 से अधिक पन्नों की विस्तृत चार्जशीट अदालत में दाख़िल की। करीब 26 महीने तक चली सुनवाई के बाद 30 मई 2025 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने भाजपा के पूर्व नेता विनोद आर्य के बेटे समेत तीन आरोपियों को अंकिता की हत्या का दोषी ठहराया। अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास और 50-50 हज़ार रुपये के आर्थिक दंड की सज़ा सुनाई।
फैसले को पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है और इससे न्याय प्रणाली पर समाज का भरोसा फिर मजबूत हुआ है। हालांकि अंकिता की मां ने अदालत परिसर के बाहर स्पष्ट किया कि उन्हें दोषियों को फांसी की उम्मीद थी, इसलिए वे इस सज़ा से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच में खुलासा हुआ कि वनंतरा रिज़ॉर्ट के संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर इस निर्मम हत्या को अंजाम दिया था। जांच के अनुसार, तीनों के बीच किसी बात को लेकर बहसबाज़ी हुई, जिसके बाद उन्होंने अंकिता को जबरन धक्का देकर नहर में गिरा दिया। इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद प्रदेशभर में जनता में आक्रोश फैल गया। तीखी जन-प्रतक्रिया के दबाव में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया था।
पब्लिश्ड 30 May 2025 at 15:03 IST