अपडेटेड 10 February 2024 at 23:19 IST
Lakshadweep बन रहा टूरिस्ट हब, पर्यटकों की संख्या में इजाफा, लोग बोले- यहां बेहतर सुविधाएं...
Lakshadweep:स्वप्निल ने कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि भारतीय, मालदीव या बाली की यात्रा करना क्यों करना पसंद करते हैं जबकि उनके पास भारत जैसी सबसे खूबसूरत जगह है।"
- भारत
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Tourist in Lakshadweep: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया लक्षद्वीप यात्रा और बंगाराम में उनके प्रवास के कारण फिरोजी पानी, बहुरंगी मूंगा चट्टानों और विभिन्न प्रकार के समुद्री जीवों वाले इस द्वीप में पर्यटकों का आना बढ़ गया है।
सिर्फ बंगाराम ही नहीं, पास का थिन्नकारा द्वीप भी प्रधानमंत्री की यात्रा के बाद चर्चा में रहा और सोशल मीडिया मंचों पर मालदीव के कुछ नेताओं द्वारा मोदी तथा भारत के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों के कारण दोनों देशों के बीच पैदा हुए राजनयिक विवाद के बाद लक्षद्वीप को फायदा हो रहा है।
इस घटना के परिणामस्वरूप कई लोगों ने पर्यटन स्थल के रूप में मालदीव का बहिष्कार करने और लक्षद्वीप को इसके उपयुक्त विकल्प के रूप में आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
'ये दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक...'
अगाती में स्वीडन से आईं जोआना अंबिका ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यह जगह दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। मैं यहां 8 साल पहले आई थी और मैं अपने दोस्तों को यह जगह दिखाना चाहती थी। इसलिए मैं दोबारा आई हूं।"
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बंगारम में हनीमून मनाने आए स्वप्निल और ज्योति ने भी इसी तरह की बात कही। स्वप्निल ने कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि भारतीय, मालदीव या बाली की यात्रा करना क्यों करना पसंद करते हैं जबकि उनके पास भारत जैसी सबसे खूबसूरत जगह है।" उन्होंने कहा कि लोगों को लक्षद्वीप की अधिक यात्रा करनी चाहिए क्योंकि यहां बेहतर सुविधाएं हैं, लोगों का आतिथ्य अच्छा है और अच्छा खाना मिलता है।
लोगों का पसंदीदा बन रहा स्पेशल नारियल गुड़
ज्योति ने कहा, "अगर यहां पहुंचने के लिए एक या अधिक उड़ानें और शुरू की जाएं तो बहुत अच्छा होगा।" यदि आप लक्षद्वीप की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो यहां के खास व्यंजन नारियल गुड़ को चखना मत भूलिएगा जो बेहद लजीज और स्वास्थ्यवर्धक है।
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विशेष तरीके से पकाए जाने और अत्यधिक मांग के कारण नारियल गुड़ का स्वाद चखना जेब पर हालांकि थोड़ा भारी पड़ता है। तिन्नाकारा द्वीप पर एक छोटा सा रेस्तरां संचालित करने वाले सैफुल्ला ने कहा, ‘‘30 लीटर नारियल के रस को पकाकर गाढ़ा करने से हमें केवल 2.5 किलोग्राम गुड़ मिल सकता है, इसलिए यह बहुत महंगा है। इसकी कीमत 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम है।’’ इस गुड़ की मांग इतनी अधिक है कि अगर किसी को यह विशेष गुड़ लेना है तो उसे पहले से इसके लिये ऑर्डर बुक कराना होता है।
द्वीपवासियों का मानना है कि इस गुड़ को मधुमेह के मरीज भी खा सकते हैं और वे मिठाइयां या चाय बनाते समय इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। द्वीपवासियों ने कहा कि यह गुड़ लंबे समय तक खराब नहीं होता और इसे फ्रिज में नहीं रखा जाना चाहिए।
सैफुल्ला ने कहा, ‘‘यह लक्षद्वीप का एक विशेष उत्पाद है। हम इसका खट्टापन दूर करने के लिए इसे पकाते समय समुद्र से एकत्र किए गए मूंगा पत्थरों का उपयोग करते हैं।’’ तिन्नाकारा में करीब 15 लोग ऐसे हैं जो केवल नारियल रस निकालने और उससे गुड़ बनाने का काम करते हैं। नारियल के रस को लगातार चार घंटे से अधिक समय तक उबालने पर गुड़ बनता है और इसका खट्टापन दूर करने के लिए इसे पकाते समय मूंगे के पत्थरों का उपयोग किया जाता है।
यह लक्षद्वीपवासियों का एक विशिष्ट उत्पाद है, जिसका उपयोग वे ‘लक्षद्वीप हलवा’ और अन्य मिठाइयां बनाने के लिए करते हैं।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 10 February 2024 at 23:19 IST