अपडेटेड 24 September 2025 at 23:45 IST
Ladakh Violence: सरकार वार्ता के लिए तैयार फिर क्यों सुलगा लेह, 4 मौतों का जिम्मेदार कौन? सोनम वांगचुक ने क्या कहा
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप में तब्दील हो गया। इसे लेकर सरकारी सूत्रों की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। सरकारी सूत्र ने लेह में भड़की हिंसा को लेकर कहा कि यह स्वयं नहीं भड़की, बल्कि इसे जानबूझकर भड़काया गया था।
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लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप में तब्दील हो गया। इसे लेकर सरकारी सूत्रों की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। सरकारी सूत्र ने लेह में भड़की हिंसा को लेकर कहा कि यह स्वयं नहीं भड़की, बल्कि इसे जानबूझकर भड़काया गया था। सरकारी सूत्रों ने आगे कहा कि क्षेत्र के युवाओं को कुछ खास राजनीतिक चालों और खासतौर से एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की निजी महत्वाकांक्षाओं के कारण भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।
सूत्रों ने कहा, "स्थिति खुद नहीं बिगड़ी - इसे जानबूझकर खराब किया गया। लद्दाख और उसके युवा कुछ लोगों की घटिया राजनीति और सोनम वांगचुक की निजी महत्वाकांक्षाओं के कारण भारी कीमत चुका रहे हैं।" बता दें, यह हिंसा तब भड़की, जब लद्दाख के लोगों के बड़े विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए और प्रदर्शनकारियों ने लेह में सरकारी इमारतों और बीजेपी कार्यालय को निशाना बनाया। इस हिंसक प्रदर्शन में 4 लोगों की मौत हो गई।
बातचीत के लिए तैयार थी सरकार: सरकारी सूत्र
सूत्रों ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार हमेशा बातचीत के लिए तैयार थी और उन्होंने बताया कि एपेक्स बॉडी लेह (ABL) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) की चिंताओं को दूर करने के लिए हाई पावर कमेटी (HPC) के साथ 6 अक्टूबर को एक बैठक पहले से ही तय थी। सरकारी सूत्र ने कहा, "केंद्र सरकार ने ABL और KDA द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए हाई पावर कमेटी की बैठक 6 अक्टूबर को तय कर दी थी। केंद्र सरकार ने ABL द्वारा प्रस्तावित HPC के नए सदस्यों को भी मंजूरी दे दी थी। बैठक को आगे बढ़ाने की रिक्वेस्ट मिलने पर 25-26 सितंबर को कुछ बैठकें करने पर विचार किया जा रहा था। असल में, केंद्र सरकार हमेशा बातचीत के लिए तैयार थी और इससे पहले भी 25 जुलाई को बातचीत का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उसका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला।"
सोनम वांगचुक पर लगे गंभीर आरोप
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन बातचीत के लिए खुले मन से तैयार होने के बावजूद हिंसा भड़का दी गई। क्यों? सोनम वांगचुक ने लंबे समय से यह संकेत दिया है कि वह लद्दाख में अरब स्प्रिंग की तरह प्रदर्शन करना चाहते हैं। नेपाल में GenZ के प्रदर्शनों का उनका जिक्र अब एक ब्लूप्रिंट जैसा लगता है। क्या उन्होंने अपने निजी मुद्दों को छिपाने के लिए इस मंच का इस्तेमाल किया, जो अब सामने आ रहे हैं?
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लेह हिंसा पर क्या बोले सोनम वांगचुक?
वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोनम वांगचुक ने कहा, "ये लोग खुद को GenZ कहते हैं, इसलिए हमने भी वही कहा, वरना मैं इन्हें युवा ही कहता हूं। GenZ मेरा शब्द नहीं है; लोग अक्सर इन्हें इसी नाम से पुकारते हैं। असल में, ये युवा ही हैं।" जब उनसे पूछा गया कि क्या युवाओं को नेपाल में हाल के विरोध प्रदर्शनों से प्रेरणा मिली थी, तो वांगचुक ने कहा, "मुझे नहीं पता कि उन्होंने नेपाल से प्रेरणा ली थी या नहीं, लेकिन जिस तरह वे एक साथ बाहर आए, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।"
वांगचुक ने युवाओं के कामों की खुलकर आलोचना की, लेकिन उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में बेरोजगारी के कारण युवाओं में निराशा बढ़ने से विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह उनकी निराशा थी, लेकिन यह सही तरीका नहीं था। मैं फिर से कारण बता रहा हूं: वे कई सालों से अपनी निराशा निकाल रहे हैं। ये युवा घर पर पढ़ाई करते थे, लेकिन जब कोई नतीजा नहीं निकला, तो उनके माता-पिता ने उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया, और इसलिए उनका गुस्सा इस तरह बाहर निकला। यहां की राजनीतिक पार्टियां युवाओं को सही राह दिखाने में अक्षम और नाकाबिल हैं। इसलिए यह उनकी निराशा है जो बाहर आ रही है।"
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 24 September 2025 at 23:45 IST