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Published 14:20 IST, October 15th 2024

कोलकाता रेप-मर्डर केस: कनिष्ठ चिकित्सकों की भूख हड़ताल 11वें दिन भी जारी

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद अपनी मांगों को लेकर पश्चिम बंगाल के कनिष्ठ चिकित्सकों की अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल मंगलवार को 11वें दिन भी जारी है।

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Junior Doctors Hold Protest March to Guv's House over Kolkata Horror
Junior Doctors Hold Protest March to Guv's House over Kolkata Horror | Image: ANI

Kolkata : कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद अपनी मांगों को लेकर पश्चिम बंगाल के कनिष्ठ चिकित्सकों की अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल मंगलवार को 11वें दिन भी जारी है। चिकित्सकों और राज्य सरकार के बीच बैठक बेनतीजा रहने के बाद इस गतिरोध का समाधान नजर नहीं आ रहा है।

वहीं, कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में ‘आमरण अनशन’ में शामिल दो और चिकित्सकों की तबीयत खराब होने के बाद आर.जी. कर अस्पताल में महिला चिकित्सक से बलात्कार और हत्या को लेकर जारी गतिरोध और बढ़ गया है।

चिकित्सकों की भूख हड़ताल पांच अक्टूबर को हुई शुरू 

स्वास्थ्य भवन में 12 चिकित्सा संघों के प्रतिनिधियों और मुख्य सचिव मनोज पंत के बीच महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई। चिकित्सकों की भूख हड़ताल पांच अक्टूबर को शुरू हुई थी। इससे पहले नौ अगस्त को राज्य सरकार द्वारा संचालित आरजी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद कनिष्ठ चिकित्सकों ने दो चरणों में लगभग 50 दिनों तक ‘काम बंद’ रखा था।

मंगलवार तक सात कनिष्ठ चिकित्सक अनशन पर हैं, जिनमें से कुछ को तत्काल इलाज की जरूरत है। एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कनिष्ठ चिकित्सक पुलस्थ आचार्य को पेट में तेज दर्द के बाद रविवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कनिष्ठ चिकित्सक तान्या पंजा की भी तबीयत बिगड़ी

कोलकाता मेडिकल कॉलेज की एक और कनिष्ठ चिकित्सक तान्या पंजा की भी तबीयत और बिगड़ गयी है। वह बेहोश हो गयी थीं जिसके बाद उन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल की क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती कराने के बाद चिकित्सकों के एक दल ने तुरंत उनका इलाज शुरू कर दिया।

नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के ईएनटी विभाग का एक और कनिष्ठ चिकित्सक सोमवार को दोपहर में भूख हड़ताल में शामिल हो गया।

चिकित्सकों के साथ सोमवार की बैठक बेनतीजा रहने के बाद मुख्य सचिव मनोज पंत ने पत्रकारों से कहा कि चिकित्सकों ने उनकी मांगों को पूरा करने के लिए स्पष्ट समयसीमा बताने पर जोर दिया लेकिन सरकार ने कहा कि ऐसी कोई समयसीमा नहीं दी जा सकती।

10 में से तीन मांगों पर विचार-विमर्श की जरूरत

पंत ने बताया कि कनिष्ठ चिकित्सकों की 10 में से सात मांगों को पहले ही मान लिया गया है जबकि शेष तीन मांगों पर प्रशासनिक विचार-विमर्श की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘बाकी तीन मांगों के लिए, वे विशिष्ट समयसीमा का अनुरोध कर रहे थे। ये प्रशासनिक निर्णय हैं जिन पर राज्य को विचार करने की आवश्यकता है, इसलिए हम इस समय कोई समयसीमा नहीं दे सकते।’’

पंत ने ‘ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स’ (जेपीडी) को राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय में आगे की चर्चा के लिए आमंत्रित किया तथा उनसे 15 अक्टूबर को प्रस्तावित ‘ड्रोहर कार्निवल’ प्रदर्शन को रद्द करने का आग्रह किया। जेपीडी ने कनिष्ठ चिकित्सकों के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए प्रदर्शन की घोषणा की थी, लेकिन सरकार ने चिंता व्यक्त की कि यह प्रदर्शन राज्य के वार्षिक ‘दुर्गा पूजा कार्निवल’ के दिन किया जा रहा है।

कनिष्ठ चिकित्सक आरजी कर अस्पताल में बलात्कार एवं हत्या मामले में मृतक चिकित्सक के लिए न्याय, स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम को तत्काल हटाने, कार्यस्थल पर सुरक्षा और अन्य उपायों की मांग कर रहे हैं। उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना करना, बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना, ‘ऑन-कॉल रूम’ आदि के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते कार्यबल का गठन आदि शामिल हैं।

महिला चिकित्सक की कथित बलात्कार-हत्या मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा त्वरित और पारदर्शी जांच कराने की मांग करते हुए आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों ने सोमवार शाम राजभवन तक रैली निकाली और राज्यपाल कार्यालय को एक ज्ञापन सौंपा।

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Updated 14:20 IST, October 15th 2024