अपडेटेड 16 December 2022 at 18:30 IST

जानिए कैसे तमिलनाडु पुलिस ने फ्रांस में 'शिव नटराज' की मूर्ति की नीलामी को रोका? 1970 के दशक में हुई थी चोरी

तमिलनाडु पुलिस (Tamil Nadu Police) ने 16 दिसंबर को फ्रांस में 'शिव नटराज (Shiv Nataraja)' की मूर्ति की नीलामी को सफलतापूर्वक रोक दिया।

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तमिलनाडु पुलिस (Tamil Nadu Police) ने 16 दिसंबर को फ्रांस में 'शिव नटराज (Shiv Nataraja)' की मूर्ति की नीलामी को सफलतापूर्वक रोक दिया। पुलिस आइडल विंग CID ​​(IWCID) ने क्रिस्टी की वेबसाइट पर नीलामी के लिए नटराज की मूर्ति की लिस्ट देखी। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। IWCID ने एक तस्वीर देखी थी, जो 1950 के दशक के अंत में पांडिचेरी में फ्रांसीसी संस्थान की ओर से ली गई थी। यह तस्वीर उसी नटराज की मूर्ति से मिलती-जुलती थी, जिसकी 1970 के दशक के आसपास थूथुकोडी जिले के कयाथर से चोरी होने का संदेह है।

नटराज की इस मूर्ति को फ्रांस की राजधानी पेरिस में नीलामी घर में क्रिस्टी ने नीलामी के लिए लिस्ट किया था। मूर्ति की बोली का मूल्य  2 लाख यूरो से 3 लाख यूरो (लगभग 1.76 करोड़ रुपये से 2.64 करोड़ रुपये) था।

'यह एक सामूहिक प्रयास था': आइडल विंग के प्रमुख

आइडल विंग के प्रमुख आईपीएस जयंत मुरली ने कहा, “हम (मूर्ति) विंग में मूर्तियों को खोजने का काम कर रहे हैं और इस साल हमने मूर्तियों को वापस लाने के लिए 50 प्रस्ताव भेजे हैं। इन सभी मामलों में हम यह कर रहे थे कि जब नीलामी घर इसे (मूर्तियों को) संग्रहालय को बेच देते हैं, तो हम इसे वापस पाने की कोशिश कर रहे थे। फिर हमने सोचा कि क्यों न हम सक्रिय हो जाएं? हमने क्रिस्टी के नीलामी पेज को देख रहे थे, जब हमने देखा कि यह मूर्ति नीलामी के लिए आ रही है, तो हमने सोचा कि चलो नीलामी ही बंद कर देते हैं क्योंकि एक बार नीलामी हो जाने के बाद, इसे पुरानी चीजों के कलेक्टर खरीद लेते हैं और अगर यह स्विट्जरलैंड जैसे देश में चली जाती है, तो गायब हो जाती, फिर हमें कभी वापस नहीं मिलेगी। अगर यह नीलामी घर के पास है, तो हम इसे हमेशा वापस प्राप्त कर सकते हैं।"

उन्होंने आगे उस मुहावरे के बारे मेंबात की, जिसके साथ वह लगातार काम कर रहे हैं। 'नीलामी बंद करो' के नारे के साथ IWCID, नीलामी प्रक्रिया से मूर्तियों को हटाने के लिए क्रिस्टी की नीलामी का प्रबंधन करने वाले अधिकारियों से अनुरोध किया।

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उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि मेरे दिमाग में ये मुहावरा कैसे आया - 'नीलामी बंद करो', यह एक नारे की तरह था। लोगों को यह पसंद आया। इस अभियान में हमारे साथ बहुत से लोग थे जिन्होंने मदद हमारी की। यह अभियान - भारत सरकार, तमिलनाडु सरकार, मूर्तियों के प्रेमी और कार्यकर्ता विजय कुमार, फ्रांस के राजदूत, का एक सामूहिक प्रयास था। हम इसे पहली बार रोकने में सफल रहे। मुझे लगता है कि हम भविष्य में भी ऐसा कर सकते हैं। मूर्तियों को नीलामी घरों में रुकने से रोकने और उन्हें वापस लाने का यह सबसे अच्छा तरीका है।”

'नीलामी के बारे में एक हफ्ते पहले पता चला'

मुरली ने यह भी कहा कि नीलामी आज 16 दिसंबर के लिए निर्धारित की गई थी और विभाग को इसके बारे में एक सप्ताह पहले ही पता चला था। उन्होंने बताया, "नीलामी 16 दिसंबर को होने वाली थी, इसलिए हमारे पास उस पर कार्रवाई करने के लिए बहुत कम समय था, इसलिए पहले हमें यह साबित करना था कि मूर्तियां भारत से चोरी हुई हैं। फिर हमें इंडो-फ्रेंच संस्थान, पांडिचेरी से तस्वीरें लेनी पड़ीं और सौभाग्य से उनके पास तस्वीरें थीं। एक बार हमने तस्वीरें मंगवा लीं और मूर्ति से तुलना कर विशेषज्ञ को दिखाया, तो पता चला कि कि दोनों मूर्तियां एक ही हैं। तब यह निश्चित था कि मूर्तियां हमारी हैं।"

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उन्होंने आगे बताया, “हल करने वाली अगली पहेली यह थी कि मूर्तियां कहां और कैसे चोरी हुईं। हमारे पास स्रोत था, हम जानते थे कि यह तूतीकोरिन जिले के एक मंदिर से है। हमने थाने में FIR की तलाश शुरू की। हम FIR को ट्रेस नहीं कर पाए, लेकिन कुछ डॉक्यूमेंट थे जो बताते हैं कि यह चोरी 1972 में हुई थी। फिर हमने HR & C रिकॉर्ड देखा, उन्होंने इसे लिस्ट किया था कि यह मूर्ति 1972 में चोरी हो गई थी। हमने उस समय रहने वाले ग्रामीणों से भी पूछताछ की और वे कहा कि वे चोरी के बारे में जानते हैं और मूर्तियों को पहचानते हैं।”

"एक बार जब सब कुछ मैच हो गया और यह सुनिश्चित हो गया कि क्रिस्टीज में नीलाम की जा रही मूर्तियाँ तूतीकोरिन के मंदिर की हैं, तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के निदेशक से संपर्क किया गया। वह चाहती थी कि मैं एक नोट भेजूं। मैंने उसे एक नोट भेजा। इसके बाद भारत में फ्रांसीसी राजदूत 'कॉम्बैट लूटिंग' जैसे अन्य संगठनों के साथ फ्रांसीसी पुलिस से भी संपर्क किया गया।"

इसके बाद इस नीलामी प्रक्रिया को रोका गया।

तमिलनाडु पुलिस ने फ्रांस में नटराज की मूर्ति की नीलामी रोकी

तमिलनाडु पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता में, आइडल विंग CID (IWCID) ने गुरुवार, 15 दिसंबर को फ्रांस में 'शिव नटराज' की कांस्य मूर्ति की नीलामी को सफलतापूर्वक रोक दिया। 1970 के दशक के आसपास थुथुकोडी जिले के कयाथार से चुराई गई दुर्लभ मूर्ति को पेरिस, फ्रांस में नीलामी घर में क्रिस्टी ने नीलामी के लिए लिस्ट किया था। इसकी बोली मूल्य 2 लाख यूरो से 3 लाख यूरो (लगभग 1.76 करोड़ से 2.64 करोड़) था।

यह भी पढ़ें: फ्रांस में होने वाली नटराज श‍िव की प्रत‍िमा की बोली रुकी, भारत से 52 साल पहले हुई थी चोरी

Published By : Nripendra Singh

पब्लिश्ड 16 December 2022 at 18:29 IST