अपडेटेड 6 December 2024 at 21:05 IST

Farmers Protest: 8 दिसंबर को 101 किसान दिल्ली पर बोलेंगे 'धावा', सरकार को दे दिया बड़ा अल्टीमेटम

सरवन सिंह पंधेर ने पैदल मार्च स्थगित होने के बाद कहा कि हम सरकार से बातचीत के लिए कल तक इंतजार करेंगे। इसके बाद 8 दिसंबर को एक जत्था दिल्ली की ओर मार्च करेगा।

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Kisan Andolan Shambhu Border
किसानों ने सरकार को दे दिया बड़ा अल्टीमेटम | Image: PTI

Kisan Andolan Shambhu Border: अपनी मांगों को लेकर किसानों ने एक बार कमर कसली है। किसानों के जत्थे को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए शुक्रवार को पुलिस ने आंसू गैस के गोल दागे। पंजाब-हरियाणा सीमा पर आंसू गैस के गोले लगने से कुछ किसानों के घायल होने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी समेत अलग-अलग मांगों को लेकर दिल्ली की ओर अपना पैदल मार्च एक के लिए स्थगित कर दिया।

इससे पहले, 101 किसानों के एक जत्थे ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया था, लेकिन उन्हें कुछ मीटर बाद ही हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों द्वारा लगाए गए कई स्तरीय बैरिकेडिंग के कारण रूकना पड़ा। जब कुछ किसान बैरिकेडिंग के पास पहुंच गए, तो सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर (Sarwan Singh Pandher) ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा दागे गए आंसू गैस के गोले के कारण कुछ किसानों के घायल होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को दिल्ली की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया।

'हम सरकार से टकराव नहीं चाहते'

सरवन सिंह पंधेर ने पैदल मार्च स्थगित होने के बाद कहा कि हम सरकार से बातचीत के लिए कल तक इंतजार करेंगे। सरकार कोई बातचीत नहीं करती है, तो 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे 101 किसानों का एक जत्था दिल्ली की ओर मार्च करेगा। उन्होंने कहा कि 'कल का दिन केंद्र सरकार से बातचीत के लिए रखा गया है। हम कल तक इंतजार करेंगे। हम चाहते हैं कि बातचीत हो। हम सरकार से टकराव नहीं चाहते, हम शांतिपूर्ण रहेंगे।'

एक किसान पटियाला रेफर

पंधेर ने कहा कि कुछ किसानों के घायल होने के मद्देनजर हमने आज के लिए जत्था वापस बुला लिया है। किसान नेता ने दावा किया कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण करीब 8 प्रदर्शनकारी किसान घायल हो गए। एक किसान गंभीर रूप से घायल है, जिसे इलाज के लिए पटियाला रेफर किया गया है। दिल्ली की तरफ बढ़ते हुए कुछ किसान सड़क से लोहे की कीलें और कंटीले तार उखाड़ते नजर आए और उन्होंने धुएं से बचने के लिए गीले जूट के बोरे से अपने चेहरे ढके हुए थे।

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अंबाला के 11 गांवों में इंटरनेट बंद

हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई लोगों को संदेश भेजने की सुविधा ‘बल्क SMS सेवा’ पर 9 दिसंबर तक रोक लगा दी। अंबाला के डंगडेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, ददियाना, बारी घेल, लार्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू गांवों में प्रतिबंध लागू कर दिया गया। अंबाला प्रशासन ने जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को बंद करने का आदेश दिया है।

क्या हैं किसानों की मांगे?

किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इससे पहले 13 फरवरी और 21 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें सुरक्षा बलों ने पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर शंभू और खनौरी में रोक दिया था। किसान MSP के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। वे 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 6 December 2024 at 21:05 IST