अपडेटेड 4 August 2024 at 23:26 IST

Kerala landslide: भूस्खलन ने मंसूर को किया अकेला और बेसहारा, परिवार के 16 सदस्य लापता

वायनाड लैंडस्लाइड ने मंसूर को अकेला और बेसहारा कर दिया है। उन्होंने कहा, 'मेरे पास कुछ भी नहीं बचा है। मेरा परिवार, मेरा घर, सबकुछ खत्म हो गया।’

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Wayanad landslides
एक ही परिवार के 16 सदस्य लापता | Image: PTI

वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में लापता लोगों की तलाश लगातार छठे दिन भी रविवार को जारी रहने के बीच इस प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों की दिल दहला देने वाली कहानियां भी सामने आ रही हैं। चूरलमाला के रहने वाले 42 वर्षीय मंसूर को 30 जुलाई को हुए भूस्खलन में अकल्पनीय क्षति हुई और वह उससे उबर नहीं पा रहे हैं।

मंसूर ने अपने परिवार के 16 सदस्यों को खो दिया जिनमें उनकी मां, पत्नी, दो बच्चे, बहन और एक करीबी रिश्तेदार के 11 सदस्य शामिल हैं। भूस्खलन ने मंसूर को अकेला और बेसहारा कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास कुछ भी नहीं बचा है। मेरा परिवार, मेरा घर, सबकुछ खत्म हो गया।’’ मंसूर बाल-बाल बच गए क्योंकि घटना वाले दिन वह काम के सिलसिले में दूसरी जगह गए हुए थे।

बेटी का नहीं मिला शव

भारी मन से उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अभी तक अपनी बेटी का शव नहीं मिला है।’’ मंसूर ने कहा, ‘‘हमें चार शव मिले हैं - मेरी पत्नी, बेटा, बहन और मेरी मां। मुझे अभी भी अपनी बेटी नहीं मिली है। घटना के समय मैं वहां नहीं था क्योंकि मैं काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था। अब मेरे पास कुछ भी नहीं बचा है। मैं फिलहाल अपने भाई के साथ रह रहा हूं।’’

मंसूर के भाई नासिर ने कहा कि रविवार सुबह उन्होंने अपनी मां के शव की पहचान की और इसके साथ परिवार के अब तक मिले शवों की कुल संख्या बढ़कर चार हो गई है लेकिन परिवार के 12 सदस्य अब भी लापता हैं। नासिर ने कहा, ‘‘मैं इसी इलाके में रहता था, लेकिन अब यहां से दूसरी जगह चला गया हूं।’’

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सेना का खोजबीन अभियान शुरू 

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा छोटा भाई और उसका परिवार, मेरी मां और बहन के साथ हमारे पारिवारिक घर में रह रहे थे। घटना के समय वह वहां नहीं था, इसलिए वह सुरक्षित है।’’ उन्होंने कहा कि उसके भाई के परिवार सहित क्षेत्र के निवासियों को घटना से पहले अधिकारियों से कोई चेतावनी नहीं मिली थी। मुंडक्कई, पुंचिरिमट्टम और चूरलमाला के सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में तलाश अभियान जारी है। इस बीच, सेना के नेतृत्व में रडार आधारित खोजबीन अभियान शुरू हो गया है, ताकि मिट्टी के नीचे दबे लोगों का पता लगाया जा सके।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 4 August 2024 at 23:26 IST