अपडेटेड 9 January 2025 at 15:17 IST

Kashmir: आसमान साफ ​​रहने के बीच ठंड बढ़ी, पहलगाम में तापमान शून्य से 10.4 डिग्री नीचे

कश्मीर में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से कई डिग्री नीचे पहुंच गया है और घाटी में ठंड का प्रकोप जारी है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

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कश्मीर में आसमान साफ ​​रहने के बीच ठंड बढ़ी, पहलगाम में तापमान शून्य से 10.4 डिग्री नीचे | Image: PTI

श्रीनगर, नौ जनवरी (भाषा) कश्मीर में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से कई डिग्री नीचे पहुंच गया है और घाटी में ठंड का प्रकोप जारी है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से आसमान साफ ​​है और तेज धूप निकल रही है, लेकिन घाटी के अधिकांश हिस्सों में रात के तापमान में गिरावट आई है।

उत्तर कश्मीर में गुलमर्ग को छोड़कर पूरी घाटी में न्यूनतम तापमान में कई डिग्री की गिरावट आई है, जिससे कश्मीर में ठंड बढ़ गई है। पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 10.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि उससे पहली रात यह शून्य से 8.2 डिग्री नीचे था। इससे यह घाटी में सबसे ठंडा स्थान रहा।

मौसम विभाग ने बताया कि…

मौसम विभाग ने बताया कि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस कम रहा, जो उससे एक रात पहले के एक डिग्री से कम है। गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 9.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के शून्य से 9.8 डिग्री नीचे के तापमान से थोड़ा अधिक है।

घाटी के प्रवेशद्वार शहर काजीगुंड और पंपोर शहर के कोनीबल में भी न्यूनतम तापमान शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में तापमान शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।

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मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में मुख्य रूप से मौसम शुष्क रहने का अनुमान व्यक्त किया है, तथा शनिवार को अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश या बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि घाटी में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है तथा आने वाले कुछ दिनों में अलग-अलग स्थानों पर शीत लहर का अनुमान है।

कश्मीर इस समय 'चिल्ला-ए-कलां' की चपेट में है, जो सर्दी के मौसम की सबसे ठंड अवधि होती है। ‘चिल्ला-ए-कलां’ के 40 दिनों के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और तापमान में काफी गिरावट आती है। यह 21 दिसंबर से शुरू हुआ था। ‘चिल्ला-ए-कलां’ 30 जनवरी को समाप्त होगा। इसके बाद 20 दिनों का ‘चिल्ला-ए-खुर्द’ और 10 दिनों का ‘चिल्ला-ए-बच्चा’ होगा है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 9 January 2025 at 15:17 IST