अपडेटेड 31 January 2025 at 08:05 IST
Karnataka HC जल्द शुरू करेगी जांच, सी. टी. रवि के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी का मामला
सी.टी. रवि ने कर्नाटक एचसी से संविधान के अनुच्छेद 194(2) के तहत ‘‘पूर्ण उन्मुक्ति’’ का हवाला देते हुए अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का बृहस्पतिवार को आग्रह किया।
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के विधान पार्षद सी.टी. रवि ने कर्नाटक उच्च न्यायालय से संविधान के अनुच्छेद 194(2) के तहत ‘‘पूर्ण उन्मुक्ति’’ का हवाला देते हुए अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का बृहस्पतिवार को आग्रह किया। बेलगावी पुलिस ने कर्नाटक विधानपरिषद में मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करने के आरोप में रवि के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
रवि की ओर से वरिष्ठ वकील प्रभुलिंग नवदगी ने न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना के समक्ष दलील दी कि चूंकि टिप्पणियां विधायिका के भीतर की गई थीं, इसलिए न तो पुलिस और न ही किसी बाहरी एजेंसी को उनकी जांच करने का अधिकार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अनुच्छेद 194(2) विधायकों को सदन में दिए गए बयानों के लिए पूर्ण छूट प्रदान करता है और इस मामले को विधानपरिषद के सभापति द्वारा पहले ही संबोधित किया जा चुका है।
नवदगी ने रवि की ओर से कहा…
नवदगी ने रवि की ओर से कहा, ‘‘आपराधिक मामला अनुच्छेद 194(2) के तहत दिए गए विशेषाधिकार के विपरीत है। मेरे खिलाफ मामला विधानमंडल में कही गई मेरी किसी बात पर आधारित है और अध्यक्ष ने पहले ही संज्ञान लेकर फैसला दे दिया है।’’ न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने कहा कि अदालत को यह जांचना होगा कि क्या रवि की टिप्पणियों का विधायक के रूप में उनके कर्तव्यों से कोई ‘‘संबंध’’ है। पीठ ने कहा कि वह यह आकलन करेगी कि अनुच्छेद 194 के तहत उन्मुक्ति पूर्ण है या सीमाओं के अधीन है, विशेष रूप से कथित आपराधिक अपराधों के मामलों में।
अदालत ने शिकायतकर्ता हेब्बालकर को सूचित करने का निर्णय लिया है तथा मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 31 January 2025 at 08:05 IST