अपडेटेड 22 April 2024 at 08:59 IST
रफीक ने बीवी के सामने किया महिला से रेप, बुर्का पहनने-कुमकुम ना लगाने का दबाव; दर्दनाक है ये दास्तान
शिकायत में यहां तक लिखा है कि जिस आरोपी ने महिला के साथ ये ज्यादती की उससे भी ज्यादा उसने एक ऐसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया जिसे बताते हुए भी शर्म आती है।
- भारत
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Karnataka Conversion News: कर्नाटक के बेलगावी में 28 साल की महिला ने पुलिस को जो खौफनाक दास्तान सुनाई वो वाकई में सन्न कर देने वाला है। महिला ने पुलिस को दिए अपने लिखित शिकायत में गंदी तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करने, धर्मपरिवर्तन करने का दबाव डालने और रेप करने का इल्जाम लगाया है। शिकायत में यहां तक लिखा है कि जिस आरोपी ने महिला के साथ ये ज्यादती की उससे भी ज्यादा उसने एक ऐसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया जिसे बताते हुए भी शर्म आती है।
आरोपी ने अपनी पत्नी के सामने महिला से रेप किया और उसे बुर्का पहनने और माथे पर कुमकुम नहीं लगाने के लिए मजबूर किया। आरोपी का नाम रफीक है। पीडि़त महिला ने बताया कि आरोपी रफीक और उसकी पत्नी ने पीड़ित महिला के साथ छेड़छाड़ की और उसके साथ यौन संबंध बनाए। उसके बाद उसकी अंतरंग तस्वीरें ले लीं, जिसके जरिए उसने पीड़ित महिला को ब्लैकमेल किया और कहा कि वह इस्लाम धर्म अपना ले।
बुर्का पहनने और दिन में पांच बार नमाज पढ़ने के लिए किया मजबूर
पुलिस ने बताया कि रफीक की पत्नी साल 2023 में महिला को बेलगावी में अपने घर में रहने के लिए मजबूर किया और कहा कि उसका पति जो कुछ भी कहे उसका पालन करे। महिला ने आरोप लगाया कि पिछले साल जब वे तीनों एक साथ रहते थे, तो रफीक ने अपनी पत्नी के सामने उसके साथ रेप किया था।
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बेलगावी के एसपी भीमाशंकर गुलेदा ने कहा कि इसी महीने में दंपति ने कथित तौर पर महिला को 'कुमकुम' नहीं पहनने के लिए कहा और उसे बुर्का पहनने और दिन में पांच बार नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया। महिला ने आरोप लगाया है कि उसके खिलाफ जाति आधारित अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया।
महिला पर डाला पति से तलाक लेने का दबाव
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पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि रफीक ने कहा कि वो अपनी पति से तलाक लेकर हमारे साथ रहे। वो मांग नहीं मानती तो रफीक ने मेरी असहज फोटो को लीक करने की धमकी दी है।
पुलिस ने दर्ज किया 7 लोगों पर FIR
महिला की शिकायत पर सात लोगों के खिलाफ सौंदत्ती में एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर 'कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार संरक्षण अधिनियम', आईटी कानून की प्रासंगिक धाराओं, एससी/एसटी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत इल्जाम लगाए गए हैं, जिनमें बलात्कार, अपहरण, गलत कारावास और आपराधिक धमकी शामिल हैं।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 22 April 2024 at 08:59 IST