Published 13:09 IST, October 5th 2024
'मांगे पूरी नहीं हुई तो...', जूनियर डॉक्टरों की ममता सरकार को चेतावनी, 24 घंटे का दिया अल्टीमेटम
जूनियर डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार ने 24 घंटे के भीतर उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे आमरण अनशन करेंगे।
Kolkata News: कनिष्ठ चिकित्सकों ने सरकारी आर.जी.कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार के बाद उसकी हत्या के विरोध में जारी ‘पूर्ण काम बंद’ आंदोलन वापस लेने के बावजूद शनिवार को मध्य कोलकाता में अपना धरना जारी रखा।
चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर कोलकाता के दक्षिणी हिस्से में शुक्रवार को एसएसकेएम अस्पताल से एस्प्लेनेड तक निकाली गई उनकी रैली के दौरान पुलिस ने कुछ आंदोलनकारियों पर लाठी चार्ज किया।
पुलिस द्वारा की गई कथित लाठी चार्ज के विरोध में कुछ कनिष्ठ चिकित्सक बारिश के बीच एक हाथ में छाता लिए दिखाई दिए, जबकि कुछ तिरपाल के नीचे शरण लिए रहे।
अनशन की दी चेतावनी
कनिष्ठ चिकित्सकों ने शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे राजकीय मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में अपना ‘पूर्ण काम बंद’ अभियान वापस ले लिया था, साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार ने 24 घंटे के भीतर उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे आमरण अनशन करेंगे।
‘पुलिस ने बेवजह लाठीचार्ज किया…’
प्रदर्शनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों के प्रतिनिधि देबाशीष हलदर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब आप किसी महत्वपूर्ण मुद्दे के लिए लड़ते हैं तो यह उम्मीद नहीं कर सकते कि चीजें आसान होंगी। हमें राज्य सरकार से बेहतर बर्ताव की उम्मीद थी। पुलिस ने बेवजह लाठी चार्ज किया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, उसे इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब तक माफी नहीं मांगी जाती, हम धरना स्थल से नहीं हटेंगे।’’
आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक तथा विभिन्न अस्पतालों के उनके साथी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान यातायात में व्यवधान उत्पन्न हुआ और डोरीना चौराहा पर प्रदर्शन स्थल के आसपास भारी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं।
प्रदर्शनकारी राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल हटाने, स्वास्थ्य विभाग में कथित प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार के लिए जवाबदेही तय करने समेत कुल नौ मांग कर रहे हैं।
इससे पूर्व कनिष्ठ चिकित्सकों ने आर.जी. कर चिकित्सका महाविद्यालय एवं अस्पताल में नौ अगस्त को सहकर्मी चिकित्सक से कथित बलात्कार एवं हत्या के विरोध में 42 दिन तक काम बंद रखा था।
हालांकि, राज्य के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्होंने 21 सितंबर को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया था तथा सुरक्षा और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आवश्यक सेवाएं बहाल कर दीं थीं।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 13:09 IST, October 5th 2024