अपडेटेड 18 April 2024 at 17:12 IST

जेएनयू कभी भी ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ या ‘‘टुकड़े-टुकड़े’’ गिरोह का हिस्सा नहीं था : कुलपति शांतिश्री

जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने बृहस्पतिवार को कहा कि जेएनयू कभी भी ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ या ‘‘टुकड़े-टुकड़े’’ गिरोह का हिस्सा नहीं था।

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Shantishree Dhulipudi Pandit, JNU Vice Chancellor
शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित, कुलपति, जेएनयू | Image: PTI

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने बृहस्पतिवार को कहा कि जेएनयू कभी भी ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ या ‘‘टुकड़े-टुकड़े’’ गिरोह का हिस्सा नहीं था। उन्होंने कहा कि जेएनयू हमेशा असहमति, बहस और लोकतंत्र को बढ़ावा देता रहेगा।

पीटीआई मुख्यालय में एजेंसी के संपादकों के साथ बातचीत में जेएनयू की पहली महिला कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा कि जेएनयू का ‘‘भगवाकरण नहीं हुआ है’’ और इसके दिन-प्रतिदिन के कामकाज में केंद्र सरकार का कोई दबाव नहीं है।

जेएनयू की छात्रा रहीं पंडित ने स्वीकार किया कि जब उन्होंने कुलपति का कार्यभार संभाला तो परिसर में ध्रुवीकरण हो गया था और उन्होंने इस दौर को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया। कुलपति ने दावा किया कि दोनों पक्षों (छात्रों और प्रशासन) से गलतियां हुईं और नेतृत्व ने हालात को संभालने में गलती की।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 18 April 2024 at 17:12 IST