अपडेटेड 27 August 2024 at 14:33 IST
आदिवासी वोटबैंक, 14 सीटों पर दबदबा...चंपई सोरेन के BJP में जाने से JMM को कितना होगा नुकसान?
चंपई के बीजेपी में शामिल होने के ऐलान से राज्य में सियासी तूफान खड़ा हो गया है। इस खबर ने JMM खेमे में हड़कंप मचा दी है। तो बीजेपी बड़ा खेला करना चाह रही है।
- भारत
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Jharkhand Politics: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) ने आखिकारी BJP का दामन थामने का फैसला कर ही लिया। दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और असम सीएम हिमंता बिश्वा सरमा से मुलाकात के बाद चंपई पर सारा सस्पेंस खत्म हो गया। भाजपा के झारखंड प्रभारी हिमंता ने मुलाकात की तस्वीरों को शेयर करते हुए ये भी बताया कि चंपई किस तारीख को BJP ज्वाइन करेंगे। अब बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चंपई के पार्टी छोड़कर जाने से JMM को कितना नुकसान होगा।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा ने सोमवार को घोषणा की कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भाजपा में शामिल होंगे। हिमंता ने यह भी बताया कि सोरेन 30 अगस्त को रांची में एक कार्यक्रम में पार्टी का दामन थामेंगे। चंपई की अमित शाह से मुलाकात के दौरान सीएम हिमंता भी मौजूद थे। अब चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ा झटका देते हुए चंपई सोरेन आधिकारिक तौर पर बीजेपी में 30 अगस्त को रांची में शामिल होंगे।
चंपई के BJP में जाने से JMM को नुकसान!
सीएम हिमंता ने एक दिन पहले ही इशारों-इशारों में बता दिया था कि चंपई जल्द ही बीजेपी का हिस्सा होंगे। उन्होंने ये भी बताया था कि वो पिछले 6 महीने से उनके संपर्क में है। अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिरकार बीजेपी चंपई को अपने पाले में लाने के लिए इतना जोर क्यों लगा रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चंपई के आने से भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाने में मदद मिलेगी।
कोल्हान की 14 सीटों पर चंपई की पकड़
चंपई के बीजेपी में शामिल होने के ऐलान से राज्य में सियासी तूफान खड़ा हो गया है। इस खबर ने झामुमो खेमे में हड़कंप मचा दी है तो वहीं इंडी गठबंधन की भी चिंताएं बढ़ गई हैं। दरअसल, चंपई का कोल्हान की सीटों पर अच्छी पकड़ है। खासकर पोटका, घाटशिला और बहरागोड़ा, ईचागढ़, सरायकेला-खरसावां और प. सिंहभूम जिले के विधानसभा क्षेत्रों में उनका मजबूत जनाधार है। 2019 के लोकसभा चुनाव में चंपई ने जमशेदपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था।
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विधानसभा चुनाव में BJP को होगा फायदा?
कोल्हान की जिन सीटोंं पर चंपाई का दबदबा है वो सीटें हैं घाटशिला, बहरागोड़ा, पोटका और ईचागढ़। इन सीटों पर विधानसभा चुनाव में जीत का अंदर 10 से 20 हजार तक होता है। ऐसे में चंपई के भाजपा में शामिल होने से सरायकेला की तीन, पश्चिमी सिंहभूम की 5 और पूर्वी सिंहभूम की 6 कुल 14 सीटों पर विधानसभा चुनाव में समीकरण बदल सकता है। कोल्हान की सीटों पर अच्छी पकड़ के साथ बीजेपी को आदिवासी वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाने में भी मदद मिलेगी। मगर राजनीतिक विशेषज्ञ यह भी मानते है कि चंपई के आने से पार्टी के अंदर खेमेबाजी भी तेज होगी।
JMM से क्यों नाराज हैं चंपई सोरेन?
बता दें कि जमीन घाटाले से जुड़े मामले में ED ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेल जाने से पहले राज्य की सत्ता चंपई सोरेन को दी थी। 6 महीने के बाद जमानत पर जेल से वापस आने के बाद हेमंत सोरेन ने झारखंड की बागडोर एक बार फिर अपने हाथ में ले ली। चंपई सोरेन को सीएम पद से हटाकर खुद कुर्सी पर बैठ गए। बस यही बात चंपई को चुभ गई। चंपई ने हेमंत पर सीएम रहते अपमान करने का भी आरोप लगाए था। दरअसल, कुर्सी संभालने के बाद हेमंत ने उनके कई फैसलों को बदल दिया था।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 27 August 2024 at 14:33 IST