अपडेटेड 22 March 2025 at 19:50 IST

झारखंड के चाईबासा में IED विस्फोट में CRPF के 02 जवान घायल, इलाज के लिए हवाई मार्ग से रांची लाया गया

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में शनिवार को एक IED विस्फोट में CRPF के दो जवान घायल हो गए। घटना छोटानागरा थाना क्षेत्र के वनग्राम मारंगपोंगा वन क्षेत्र के पास

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02 CRPF jawans injured in IED blast in Chaibasa, Jharkhand
02 CRPF jawans injured in IED blast in Chaibasa, Jharkhand | Image: X

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल के छोटानागरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले मारंगपोंगा क्षेत्र में शनिवार को दोपहर लगभग ढाई बजे एक आईईडी विस्फोट हुआ। इस नक्सली हमले में सीआरपीएफ की 193 वीं बटालियन के दो जवान घायल हो गए हैं। घायलों में एक सब इंस्पेक्टर और एक अन्य जवान शामिल हैं।

घटना के तुरंत बाद छोटानागरा थाना से दो एम्बुलेंस और कुछ बोलेरो वाहनों को घटनास्थल की ओर रवाना किया गया था। इन वाहनों के जरिए घायल जवानों को निकालकर छोटानागरा थाना लाया गया। यहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची लाया गया है।

IED विस्फोट में CRPF के 02 जवान घायल

पुलिस अधिकारी ने बताया कि झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में शनिवार को एक IED विस्फोट में CRPF के दो जवान घायल हो गए। घटना छोटानागरा थाना क्षेत्र के वनग्राम मारंगपोंगा वन क्षेत्र के पास हुई। जिला पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने कहा, दो घायल कर्मियों - सुनील कुमार मंडल और पार्थ प्रतिम डे को इलाज के लिए हवाई मार्ग से रांची ले जाया गया, उनकी स्थिति अभी स्थिर है।

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सुरक्षा घेरे में जकड़ा सारंडा का नक्सली बेल्ट

सारंडा का यह इलाका लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाए गए अभियानों के कारण नक्सली संगठन अब सिमटते जा रहे हैं। अब वे अपने बचाव के लिए सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों के चारों ओर सैकड़ों की संख्या में आईईर्ड सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं।

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नक्सली खात्मे के अंतिम दौर में, फिर भी सतर्कता जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि सारंडा के जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी अब अंतिम चरण में है, लेकिन यह खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। इस घटना से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि सुरक्षाबलों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि नक्सली अब भी छिपकर हमला करने की ताक में हैं। यह घटना न केवल नक्सली समस्या के जीवित रहने का संकेत देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरणों और रणनीतियों के साथ इन चुनौतियों का सामना करना होगा। घायलों की सलामती की दुआ के साथ, क्षेत्र में शांति की जरूरत और भी बढ़ गई है।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 22 March 2025 at 19:50 IST