अपडेटेड 10 July 2024 at 17:29 IST
3 महीने पहले गूंजी थी किलकारियां, वहां शहीद की उठी अर्थी, बेटियों ने दिया कंधा तो हर आंखें हो गईं नम
शहीद विनोद सिंह भंडारी अपने पिता के इकलौते बेटे थे जिसकी वजह से उनकी बहनों ने उन्हें अंतिम विदायी के समय कांधा दिया।
- भारत
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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकियों ने एक बार फिर कायराना हरकत दोहराते हुए घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में उत्तराखंड के 5 लाल शहीद हो गए। कठुआ में आतंकियों से लोहा लेते हुए अठुरवाला भानियावाल निवासी विनोद भंडारी का पार्थिव शरीर आज उनके घर पहुंचा। आतंकियों से लोहा लेते हुए 33 वर्षीय विनोद भंडारी पुत्र बीर सिंह शहीद हो गए और तिरंगे में लिपटा उनका शव आज उनके पैतृक गांव पहुंचा। जैसे ही विनोद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा उनकी पत्नी और मां तिरंगे में लिपटे विनोद को देखकर बिलख पड़ीं।
शहीद विनोद सिंह भंडारी अपने पिता के इकलौते बेटे थे जिसकी वजह से उनकी बहनों ने उन्हें अंतिम विदायी के समय कांधा दिया। रिपब्लिक भारत से बातचीत करते हुए विनोद की बहन ने रोते हुए अपने भाई के साथ बिताए पलों के बारे में बताया कि अब विनोद की कमी को कौन पूरा करेगा? 'पहले वो हमारे भाई थे आज हम उसके भाई बन गए हैं। हमारी एक बहन अभी नहीं आई है वो लंदन में रहती है बस वही नहीं आई है बाकी हम दोनों बहनें यहां हैं। मेरे भाई का एक 4 साल का बेटा है और 3 महीने की बेटी है।'
3 बहनों का इकलौता भाई हुआ शहीद
शहीद विनोद भंडारी अपनी तीन बहनों के इकलौते भाई थे। उनके शहीद होने के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनकी दो बहनों ने भी कांधा दिया। शहीद विनोद के पिता से जब बेटे की शहादत के बारे में बात की गई तो उन्होंने बड़े फक्र से बताया कि वह खुद फौज में रहे और उन्हें इस बात का फक्र है कि उनका बेटा देश के काम आया। हालांकि बेटे के छोटे बच्चों को देखकर उनका धैर्य भी जवाब दे रहा था। वहीं शहीद की बहनों ने अपने पिता से कहा कि वो बेटे की शहादत पर आंसू न बहाएं।
बेटियों ने पिता को समझा कर कहा ये फक्र की बात
कठुआ में शहीद हुए विनोद भंडारी की पूरे सैन्य सम्मान के साथ ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर अंत्येष्टि की गई इस दौरान उनकी दोनों बहने वहां पर मौजूद रहीं। वहीं शहीद के पिता जब बेटे के तिरंगे में लिपटे हुए शव को देखकर अपने आंसुओं पर काबू नहीं कर पा रहे थे। विनोद भंडारी की शहादत से देवभूमि में शोक की लहर है। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवान की शहादत पर दुख व्यक्त किया है और कहा है कि पूरे उत्तराखंड में इन जवानों की शहादत के बाद से रोष का माहौल है। उन्होंने कहा कि मैं जवानों की शहादत को नमन करता हूं।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 10 July 2024 at 17:21 IST