अपडेटेड 24 November 2024 at 19:51 IST

जम्मू-कश्मीर के रियासी में वैष्णो देवी रोपवे परियोजना के खिलाफ बंद का तीसरा दिन

जम्मू-कश्मीर के रियासी में वैष्णो देवी मंदिर तक के यात्रा मार्ग पर प्रस्तावित रोपवे परियोजना के खिलाफ बंद का तीसरा दिन रहा।

Follow : Google News Icon  
Mata Vaishno Devi Shrine Board Extends Darshan Hours at Old Cave
वैष्णो देवी | Image: ANI

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकूट पर्वत स्थित वैष्णो देवी मंदिर तक के यात्रा मार्ग पर प्रस्तावित रोपवे परियोजना के खिलाफ बंद के तीसरे दिन रविवार को सैकड़ों दुकानदारों और मजदूरों ने रैली निकाली।

प्रदर्शनकारियों ने उप जिलाधिकारी कार्यालय और कटरा में शालीमार पार्क के बाहर धरना दिया, जो श्रद्धालुओं के लिए आधार शिविर है। उन्होंने श्राइन बोर्ड और रोपवे परियोजना के खिलाफ नारे लगाए, क्योंकि उनका मानना ​​है कि इससे वे बेरोजगार हो जाएंगे।

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा ताराकोट मार्ग से सांझी छत के बीच 12 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 250 करोड़ रुपये की लागत वाली यात्री रोपवे परियोजना को लागू करने की घोषणा के बाद दुकानदारों, टट्टू और पालकी मालिकों का तीन दिवसीय बंद शुक्रवार को शुरू हुआ था।

अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पारंपरिक यात्रा मार्ग पर शांतिपूर्ण रैली निकाली तथा प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने या परियोजना से प्रभावित होने वाले सभी परिवारों के समुचित पुनर्वास की मांग की।

Advertisement

यात्रा मार्ग पर अधिकतर निजी दुकानें तीसरे दिन भी बंद रहीं, जबकि टट्टू और पालकी मालिकों ने तीर्थयात्रियों को कोई सेवा नहीं दी, जिससे कई श्रद्धालुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हालांकि, मंदिर के लिए यात्रा बिना किसी व्यवधान के जारी रही।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख मनीष साहनी ने प्रदर्शन में शामिल होकर मांग का समर्थन किया और कहा कि रोपवे परियोजना हिंदू श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के समान है तथा श्रद्धालुओं को सेवाएं प्रदान करने वाले मजदूरों के हितों को भी नुकसान पहुंचा रही है।

Advertisement

प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे सोनू ने कहा, ‘‘हम अपना तीन दिवसीय प्रदर्शन आज श्राइन बोर्ड के कार्यालय के बाहर धरने के साथ समाप्त कर रहे हैं...आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेता धरने के बाद भविष्य की रणनीति तैयार करेंगे।’’

कांग्रेस नेता और मजदूर संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह जामवाल ने अपनी मांग दोहराई कि सरकार को प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास योजना बनानी चाहिए। उन्होंने प्रत्येक मजदूर को 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का सुझाव दिया।

पिछले सप्ताह श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और तेज यात्रा की सुविधा को लेकर श्राइन बोर्ड ने रोपवे परियोजना के कार्यान्वयन की घोषणा की। श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अंशुल गर्ग ने कहा, ‘‘रोपवे परियोजना बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी, खासकर उन श्रद्धालुओं के लिए जो मंदिर तक खड़ी चढ़ाई करना चुनौतीपूर्ण पाते हैं।’’

इस परियोजना को पहले भी इसी तरह के विरोध के कारण स्थगित कर दिया गया था।

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 24 November 2024 at 19:51 IST