अपडेटेड 10 August 2024 at 20:40 IST

जयशंकर ने मुइज्जू से मुलाकात की, क्षेत्रीय समृद्धि के लिए भारत-मालदीव संबंधों की मजबूती पर जोर दिया

Delhi News: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को यहां मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की।

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S Jaishankar on PoK
एस जयशंकर | Image: PTI

New Delhi: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को यहां मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की और दोनों देशों के लोगों के लाभ व क्षेत्रीय समृद्धि के लिए भारत-मालदीव के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की नयी दिल्ली की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

जयशंकर मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। पिछले साल चीन समर्थक मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद यह भारत की ओर से मालदीव की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने बैठक की तस्वीर साझा करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात कर गौरवान्वित महसूस किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुभकामनाएं प्रेषित कीं। हमारे लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्धता जताई।’’

इस बीच, मुइज्जू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि जयशंकर से मुलाकात और मालदीव के 28 द्वीपों में जल व सीवर परियोजनाओं के आधिकारिक हस्तांतरण में उनका शामिल होना खुशी की बात है।

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उन्होंने जयशंकर से मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “मैं मालदीव का हमेशा समर्थन करने के लिए भारत सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं। हमारी स्थायी साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है। यह सुरक्षा, विकास व सांस्कृतिक संबंधों में सहयोग के माध्यम से दोनों देशों को करीब ला रही है। हम साथ मिलकर इस क्षेत्र के लिए एक उज्ज्वल, अधिक समृद्ध भविष्य तय कर रहे हैं।”

इससे पहले, जून में मुइज्जू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा की थी।

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शनिवार को जयशंकर ने मालदीव के रक्षा मंत्री ग़सान मौमून से मुलाकात की और द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग व मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच क्षेत्र में शांति व स्थिरता बनाए रखने से संबंधित ‘‘साझा हितों’’ पर चर्चा की।

भारत और मालदीव के बीच संबंध नवंबर 2023 में चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद तनावपूर्ण हो गए थे। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के अंदर उन्होंने मालदीव में तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस भेजने का फैसला किया था। इसके बाद, पारस्परिक रूप से तय तिथि 10 मई तक भारतीय सैन्यकर्मियों को हटा दिया गया था।

मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख पड़ोसी देशों में से एक है और पिछली सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा व सुरक्षा संबंध स्थापित हुए थे।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 10 August 2024 at 20:40 IST