अपडेटेड 17 February 2025 at 00:00 IST
जयशंकर ने ओमान के विदेश मंत्री के साथ व्यापार, निवेश और ऊर्जा सहयोग पर की चर्चा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को ओमान के अपने समकक्ष बद्र अलबुसैदी के साथ व्यापार, निवेश और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग पर व्यापक चर्चा की।
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को ओमान के अपने समकक्ष बद्र अलबुसैदी के साथ व्यापार, निवेश और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग पर व्यापक चर्चा की।
जयशंकर आठवें हिंद महासागर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ओमान की राजधानी मस्कट पहुंचे हैं।
उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव और ब्रुनेई सहित कई अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की तथा द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
जयशंकर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज सुबह ओमान के विदेश मंत्री बद्र अलबुसैदी से मिलकर बहुत खुशी हुई। (मैं) आठवें हिंद महासागर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी करने में उनके व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना करता हूं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘व्यापार, निवेश और ऊर्जा पर परस्पर सहयोग पर हमने व्यापक चर्चा की।’’
दोनों नेताओं ने राजनयिक संबंधों की 70 वीं वर्षगांठ पर संयुक्त रूप से प्रतीक चिह्न जारी किया।
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उन्होंने ‘मांडवी टू मस्कट: इंडियन कम्युनिटी एंड शेयर्ड हिस्ट्री ऑफ इंडिया एंड ओमान’ नामक एक पुस्तक का भी संयुक्त रूप से विमोचन किया।
बाद में जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष अब्बास अराघची से भी भेंट की।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा,‘‘आज दोपहर ईरान के विदेश मंत्री अराघची से मिलकर खुशी हुई। (हमने) द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्र में विकास के बारे में बात की।’’
जयशंकर ने ब्रुनेई के विदेश मंत्री दातो एरीवान पेहिन यूसुफ के साथ भी गर्मजोशी से भेंटवार्ता की।
उन्होंने कहा, ‘‘आज सुबह ब्रुनेई के विदेश मंत्री दातो एरीवान पेहिन यूसुफ के साथ गर्मजोशी से बातचीत हुई। (हमने) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सितंबर 2024 की ब्रुनेई यात्रा के परिणामों पर चर्चा की। क्षेत्र पर उनकी अंतदृष्टि और भारत-आसियान साझेदारी के लिए उनके समर्थन की मैं सराहना करता हूं।’’
जयशंकर ने भूटान के विदेश मंत्री डी एन धुंग्येल से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के बारे में बातचीत की।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज मस्कट में भूटान के विदेश मंत्री डी एन धुंग्येल से बात करके खुशी हुई। हमारी चर्चा हमारे द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने पर केंद्रित थी। हमने अनूठी और समय की कसौटी पर खरी उतरी आपसी साझेदारी की गतिशीलता को रेखांकित किया।’’
जयशंकर ने हिंद महासागर सम्मेलन से इतर श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से भी मुलाकात की।
सम्मेलन में जयशंकर ने हिंद महासागर को ‘‘वैश्विक जीवन रेखा’’ बताते हुए क्षेत्र के देशों से इसके विकास, कनेक्टिविटी, समुद्री और सुरक्षा संबंधी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक-दूसरे का ध्यान रखने, अपनी ताकत को बढ़ाने और अपनी नीतियों का समन्वय करने की अपील की।
इस सम्मेलन की मेजबानी ओमान ने की।
ओमान सरकार का कहना है कि अगस्त 2024 में उसके देश में रह रहे भारतीयों की संख्या करीब 664,783 है।
जयशंकर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘बातचीत हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ बिम्सटेक पर भी केंद्रित थी।’’
बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए एक संगठन है। इसके सदस्य देश भारत, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड हैं।
जयशंकर ने नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।’’
जयशंकर ने 8वें हिंद महासागर सम्मेलन के दौरान अपने श्रीलंकाई समकक्ष विजिता हेराथ के साथ ‘‘सार्थक बातचीत’’ की, जिस दौरान दोनों नेताओं ने ‘‘हमारे व्यापक सहयोग का जायजा लिया।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम श्रीलंका के आर्थिक सुधार और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
उन्होंने मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग के कई पहलुओं पर चर्चा की।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 17 February 2025 at 00:00 IST