Published 15:56 IST, September 4th 2024
जयराम ठाकुर का हिमाचल सरकार पर तीखा हमला, 'आगे बढ़ने की सोच रखें, आर्थिक संकट का ठीकरा फोड़ना गलत'
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्य की सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही कहा है कि, 'आगे बढ़ने की सोच रखें'।
Himachal Economic Crisis: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्य की सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही कहा है कि, 'आगे बढ़ने की सोच रखें, ये संशोधन बिल राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से लाया गया है, सोशल मीडिया में देखो सबकी बंद करने के कॉमेंट आ रहे हैं। मुझे पता है मैं जो कह रहा हूं उसका मुझे खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा, लेकिन मैं फिर भी कह रहा हूं।'
उन्होंने कर्मचारियों और पेंशनधारकों को समय पर वेतन और पेंशन न मिलने को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति अत्यंत गंभीर है और सरकार के पास संसाधनों की कमी है, लेकिन इसके बावजूद सरकार राजस्व बढ़ाने के बजाय आम जनता पर बोझ डालने वाली नीतियों को अपना रही है।
बदतर हालात में राज्य की आर्थिक स्थिति- जयराम
जयराम ठाकुर ने कहा, 'आज हिमाचल प्रदेश में 39-40 प्रतिशत बजट वेतन और पेंशन में चला जाता है, जबकि हर महीने 2000 करोड़ रुपये की देनदारी सरकार पर होती है। बावजूद इसके 4 तारीख हो चुकी है और अभी तक कर्मचारियों को वेतन और पेंशन नहीं मिली है। यह राज्य की आर्थिक स्थिति की बदतर हालात को दर्शाता है।'
जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को दिया सुझाव
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुक्खू पर निशाना साधते हुए कहा कि डीजल, सीमेंट, राशन और बसों के किराए में बढ़ोतरी करने से आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालने की कोशिश हो रही है। जो कि गलत है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को फिजूलखर्ची रोकने और राजस्व बढ़ाने के उपाय खोजने चाहिए, न कि आम जनता पर अतिरिक्त भार डालना चाहिए।
दोष मढ़ने के बजाय अपनी जिम्मेदारी निभाए- ठाकुर
जयराम ठाकुर ने कहा कि मौजूदा सरकार पूर्व सरकारों और केंद्र पर दोष मढ़ने के बजाय अपनी जिम्मेदारी निभाए। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री आज आप हैं, आप जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। आपकी जिम्मेदारी है कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों-पेंशनरों को समय पर वेतन और पेंशन मिले।'
साथ ही, जयराम ठाकुर ने आगामी 2027 के चुनावों पर भी टिप्पणी की, यह कहते हुए कि अभी से राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से निर्णय लेना राज्य के भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता के कल्याण के कार्यों को ही याद रखा जाएगा, न कि सत्ता में बने रहने की लालसा को।
Updated 15:56 IST, September 4th 2024