अपडेटेड 6 May 2023 at 22:48 IST

बेस से ही दुश्मन की पोजीशन देख सकेंगे सेना के कमांडर, नए प्रोजेक्ट Army को करेंगे और मजबूत

नई टेक्नोलॉजी से सेना में जो बदलाव होंगे, वो दुश्मन के खिलाफ सेना को और मारक बना देंगे।

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Indian Army Modernization
Indian Army Modernization | Image: self

Indian Army Modernization: आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही भारतीय सेना लगातार नए बदलाव कर रही है। ऐसे में सेना कई ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिसके बाद दुश्मन के लिए सेना से बचना नामुमकिन हो जाएगा। हर मोर्चे पर सेना की मारक क्षमता बढ़ जाएगी। सेना में चल बदलाव को देखते हुए साल 2023 को बदलाव का साल कहा जा रहा है। इन बदलावों में सबसे बड़ा कदम सेना के सर्विलांस सिस्टम को सुधार करने को लेकर भी काम हो रहा है।

इन टेक्निकल बदलावों में सेना प्रोजेक्ट ई-सिटरेप, प्रोजेक्ट अवगत और प्रोजेक्ट अनुमान को भी शामिल कर रही है। इन नई टेक्नोलॉजी से सेना में जो बदलाव होंगे, वो दुश्मन के खिलाफ सेना को और मारक बना देंगे। रिपब्लिक समिट 2023 में बोलते हुए COAS जनरल मनोज पांडे ने इंडियन आर्मी में होने वाले ट्रांसफॉर्मेंशन को लेकर कहा था, "हमने थल सेना में कई ट्रांसफॉर्मेंशन किया है ताकि हम मॉडर्न फोर्स बनें। हम भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों को लेकर तैयार रहेंगे। हम टेक्नोलॉजी में मॉडर्नाइजेशन लाएंगे। हमारा उद्देश्य ऑपरेशन को बेहतर बनाना है। हमें आगे बढ़ना है, को तीनों सेनाओं को साथ काम करना है। 2023 को हमने ईयर ऑफ ट्रासफॉर्मेंशन कहा है।"

सेना प्रमुख ने कहा था कि आने वाले समय में भारतीय सेना दो मोर्चों पर लड़ने के लिए तैयार फोर्स होगी।

प्रोजेक्ट संजय

सेना सर्विलांस सिस्टम में सुधार को लेकर काम रही है। इस प्रोजेक्ट को नाम दिया गया है- प्रोजेक्ट संजय। इस प्रोजेक्ट के तहत सेना बड़ी संख्या में सेंसर्स को इंटीग्रेट करेगी और फील्ड फॉर्मेशन के लिए सर्विलांस सेंटर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही इन सभी को आर्टिलरी कॉम्बैट कमांड एंड कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम (ACCCS) से जोड़ दिया जाएगा। इसे कमांडरों को सेना का इंटीग्रेटेड सर्विलांस में आसानी होगी। 

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इस प्रोजेक्ट के ट्रायल को लगभग पूरा कर लिया गया है। देश के अलग-अलग कोने में सेना ने इसका ट्रायल किया है। संभावित है कि 2025 तक इस प्रोजेक्ट संजय को सेना में शामिल कर लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के BEL गाजियाबाद ने बनाया है। 

SAMA प्रोजेक्ट

सेना के मॉडर्नाइजेशन पर चल रहे काम में एक और प्रोजेक्ट बेहद अहम है, जिसका नाम है Situational Awareness Module for the Army- SAMA प्रोजेक्ट। इस प्रोजेक्ट के तहत सेना का कॉम्बैट इंफॉर्मेशन डिसिजन सपोर्ट सिस्टम शामिल है। इससे कॉम्बैट फील्ड में होने वाले नुकसान को कम किया जाएगा। सेना के सूत्रों ने बताया कि इस SAMA प्रोजेक्ट को इसी महीने फील्ड वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाएगा। इस टेक्नोलॉजी से बेस पर बैठे कमांडरों को फील्ड की तस्वीरें सीधे प्रसारित की जाएंगी, जिससे वे युद्ध के मैदान में मौजूद सैनिकों को रियल टाइम में निर्देश दे सकते हैं।

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प्रोजेक्ट ANUMAN

कॉम्बैट फील्ड में सेना के कमांडरों को मौसम रिपोर्ट की आवश्यकता होती है। आर्टिलरी के लिए उन्हें सटीकता बनाए रखने की आवश्यकता होती है। ऐसे में नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्टिंग (NCMRWF) के डेटा ने आर्टिलरी की मदद की है। अब सेना ने इनके सहयोग से ANUMAN नाम के एक एप्लिकेशन के डेवलपमेंट को प्रेरित किया। सेना और NCMRWF ने नवंबर 2022 में साइन किए। सेना NCMRWF को उत्तरी सीमाओं पर स्थिति की जानकारी देगी और हाई रिजोल्यूशन मौसम पूर्वानुमान लेगी।

E-Sitrep प्रोजेक्ट

सेना अब Situational Reporting Over Enterprise-Class GIS Platform (E-Sitrep) प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। यह प्लेटफॉर्म सेना को रियल टाइम इंफॉर्मनेशन देंगी, जिससे डेटा एनालाइस कर बेहतर प्लान बनाने में मदद मिलेगी।

प्रोजेक्ट AVAGAT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गतिशक्ति योजना से प्रेरित सेना ने इसी तरह के एक प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू किया है, जो "सिंगल GIS प्लेटफॉर्म पर मल्टी ​​डोमेन अवेयरनेस" लाएगी। इस कॉन्सेप्ट को कई फेज में तैयार किया जाएगा। शुरुआत में प्रोजेक्ट अवगत को ऑपरेशनल एरिया, रसद, सैटेलाइट इमेजरी डेटा, मैप और मौसम संबंधी जानकारी को एक प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाएगी। यह प्रोजेक्ट 2023 के अंत तक तैयार हो जाएगा।

ASAAN एप्लीकेशन

अग्निपथ एडमिनिस्ट्रेशन और नेटवर्किंग के लिए सेना का सॉफ्टवेयर ASAAN एक वेब बेस्ड इन हाउस एप्लीकेशन है। इस वेबसाइट को आर्मी डेटा नेटवर्क पर होस्ट किया गया है। यह वेबसाइट सभी अग्निवीरों के डेटा का रिकॉर्ड रखेगी। इस वेबसाइट में अग्निवीरों की भर्ती, रिकॉर्ड कार्यालयों, ट्रनिंग सेंटरों, यूनिट्स और मानव संसाधन विकास केंद्र (HRDC) के लिए मॉड्यूल है। 

ASAAN के तहत सभी एजेंसियों में तैनात होने वाले अग्निवीरों के डेटाबेस की जानकारी भरी जाएगी। इसमें इन सभी के मूल्यांकन और स्क्रीनिंग के साथ-साथ सभी डॉक्यूमेंट्स सुरक्षित रखे जाएंगे। बताते चलें कि अब तक सेना में तैनात होने वाले सभी कर्मियों के रिकॉर्ड को मैनुअल तरीके से तैयार किया जाता था। अब इस एप्लीकेशन के सहारे आसानी से अग्निवीरों का डेटा रखा जाएगा।

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INDRA एप्लीकेशन

सेना ने डेटा रिपॉजिटरी और एनालिटिक्स एप्लीकेशन INDIAN ARMY DATA REPOSITORY AND ANALYTICS- INDRA को लॉन्च किया है। इस एप्लीकेशन का मुख्य उद्देश्य सेना में तैनात जूनियर कमीशंड अधिकारियों (JCO) और अन्य रैंकों के डेटाबेस को मैनेज करना है। इस एप्लीकेशन के तहत 47 रिकॉर्ड कार्यालयों में रखे गए रेजिमेंटों/आर्म्स/सर्विसेस के कर्मियों के डेटा को कंबाइन किया जाएगा। इस एप्लीकेशन के सहारे अलग-अलग लाभार्थियों को उनकी सर्विस और चार्टर के अनुसार स्टैटिस्टिकल एनालिसिस के लिए डेटा और सूचना के कलेक्शन, संकलन और निष्कर्षण (extraction) की सुविधा देगा।

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Published By : Nripendra Singh

पब्लिश्ड 6 May 2023 at 22:18 IST