Updated April 26th, 2024 at 07:03 IST

पाक-ईरान के संयुक्त बयान में कश्मीर मुद्दा शामिल किये जाने पर भारत ने ईरान के समक्ष उठाया मामला

ईरान राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की पाकिस्तान यात्रा संपन्न होने पर जारी एक संयुक्त बयान में कश्मीर मुद्दा शामिल होने के मद्देनज भारत ने ईरानी  के समक्ष उठाया है।

Reported by: Digital Desk
पाक-ईरान का बयान | Image:Reuters
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ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की पाकिस्तान यात्रा संपन्न होने पर जारी एक संयुक्त बयान में कश्मीर मुद्दा शामिल होने के मद्देनज भारत ने ईरानी  के समक्ष उठाया है’’। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की पाकिस्तान यात्रा संपन्न होने पर जारी एक संयुक्त बयान में कश्मीर मुद्दा शामिल होने के मद्देनजर, भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने ‘‘इस मामले को ईरानी अधिकारियों के समक्ष उठाया है’’।

राष्ट्रपति रईसी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के निमंत्रण पर 22-24 अप्रैल तक पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा की थी। उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी था, जिसमें विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियन के साथ-साथ कैबिनेट के अन्य सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

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बुधवार को रईसी की इस्लामाबाद की पहली यात्रा के बाद दोनों देशों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया था कि पाकिस्तान और ईरान इस बात पर सहमत हुए हैं कि कश्मीर मुद्दे का क्षेत्र के लोगों की इच्छा के आधार पर शांतिपूर्ण तरीकों से समाधान किया जाना चाहिए।

संयुक्त बयान में उल्लेखित कश्मीर मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में, विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘उस मुद्दे पर, हमने इस मामले को ईरान के अधिकारियों के समक्ष उठाया है।’’ इस सवाल के जवाब में कि क्या रईसी ने भारत का दौरा करने का भी प्रस्ताव रखा है, उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, हम आपको उचित समय पर इस तरह की यात्राओं के बारे में उस वक्त सूचित करते हैं, जब सभी चीजों को अंतिम रूप दिया जाता है।’’

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संयुक्त बयान में कहा गया था कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए, दोनों पक्षों ने साझा चुनौतियों का पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीति के माध्यम से विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया।

भारत पहले भी कश्मीर मुद्दे पर अन्य देशों के ऐसे बयानों को खारिज कर चुका है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बार-बार कहा है, ‘‘केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भारत के अभिन्न हिस्से हैं और हमेशा रहेंगे। किसी अन्य देश को इस संबंध में टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।’’

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गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले में अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हमने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति कई सूचनाओं पर गौर कर रही है जो अमेरिकी पक्ष ने हमारे साथ साझा की थीं, क्योंकि वे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी समान रूप से प्रभाव डालते हैं।" यह पूछे जाने पर कि भारत मालदीव के साथ भविष्य के संबंधों को कैसे देखता है उन्होंने कहा, "मालदीव के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध हैं, उनके साथ हमारा विकास सहयोग कार्यक्रम है।" 

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published April 26th, 2024 at 07:03 IST

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