Published 19:44 IST, November 26th 2024
भारत के पास विश्व की प्राणशक्ति बनने की ताकत है, श्रद्धा योग्य साधन से ही ज्ञान मिलेगा- मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस के मल्टीपर्पज हॉल में 'बनाए जीवन प्रणावन' पुस्तक का विमोचन किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस के मल्टीपर्पज हॉल में 'बनाए जीवन प्रणावन' पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक को मुकुल कानिटकर ने लिखा है। पुस्तक के विमोचन के मौके पर मुख्यअतिथि संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह भी मौजूद रहे।
'बनाएं जीवन प्राणवान' नाम की किताब के विमोचन के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 2000 साल से विश्व अहंकार के भाव से चला है। माइक्रोस्कोप और टेलीस्कोप के जरिए दिखने वाली चीज ही सत्य है ऐसा नहीं है। साइंस का भी एक दायरा उसके आगे कुछ नहीं है ऐसा नहीं है।
श्रद्धा योग्य साधन से ही ज्ञान मिलेगा- मोहन भागवत
मोहन भागवत ने नीम करौली बाबा उदाहरण देते हुए कहा कि नीम करौली बाबा को एक बार विदेशी एक बोतल ड्रग्स लेकर आए उन्होंने पी लिया। विदेशियों ने सोचा अब तो मर गए लेकिन घंटे भर बाद भी वो कहते रहे, नो इश्यू। लेकिन इसका और साइंस का कोई विरोध नहीं है। साइंस कहता है जानो तब मानो, आध्यात्म भी यही कहता है उसका साधन मन है। कण है या ऊर्जा हम नहीं देख पाते हैं। अब हमें दूसरा साधन खोजना पड़ेगा जो प्रकाश के वेग से ज्यादा हो, वो हम खोज नहीं पाए हैं। तो हम मन से जान सकते हैं इसके लिए हमें वेदों का अध्ययन करना पड़ेगा। श्रद्धा योग्य साधन से ही ज्ञान मिलेगा।
अहंकार से पार जाने के लिए श्रद्धा और नम्रता चाहिए- मोहन भागवत
RSS चीफ ने कहा कि कच्चा अहंकार से पार जाना पड़ेगा उसके श्रद्धा होना चाहिए। अंध श्रद्धा का कोई स्थान नहीं है जानों फिर मानों श्रद्धा में भी है। श्रद्धा और नम्रता चाहिए, बिना जाने मत मानो। आधुनिक साइंस कई जगह अप्लाई होता है वैसे ही हमारा आध्यात्म कई जगह अप्लाई होता है। इसीलिए हम लोग अहंकार से दूर रहकर जीते हैं इसीलिए हम सत्य समझ पाए। विश्व में भारत अपना कर्तव्य पूरा करें ये किताब हमें समझाती है।
भारत के पास विश्व की प्राणशक्ति बनने की ताकत है- मोहन भागवत
संघ प्रमुख ने कहा कि हेडगेवार जी से श्यामप्रसाद मिलने गए, श्यामा प्रसाद ने बोला कि राजनीति के बारे में संघ की क्या भूमिका है? हेडगेवार ने बोला संघ चालू राजनीति में नहीं आती है। भारत के पास प्राण शक्ति है विश्व की ताकत बनने की लेकिन हम पर 500 साल का प्रभाव है हम देख नहीं पा रहे हैं।
Updated 20:06 IST, November 26th 2024