अपडेटेड 24 July 2025 at 08:36 IST

'कट्टरता और आतंकवाद में डूबा है पाकिस्तान, अर्थव्यवस्था ध्वस्त और हाथ फैलाने को मजबूर', भारत ने UN में पाक को फिर दिखाया आईना

भारत ने UN में एक बार फिर से पाकिस्तान को आईना दिखा दिया है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान कट्टरता और आतंकवाद में डूबा है। अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है और लगातार IMF के सामने हाथ फैलाने को मजबूर है।

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Permanent Representative of India to the UN in New York, Ambassador Parvathaneni Harish
UN में भारत ने पाकिस्तान को फिर दिखाया आईना। | Image: @IndiaUNNewYork-X

भारत ने एक बार फिर से आतंकवाद को लेकर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने आतंक के पनाहगाह पाकिस्तान को आईना दिखाया। भारतीय जनसंपर्क अम्बरीषप पर्वथानेनी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की ओर से की गई टिप्पणी पर जमकर पलटवार किया।

यूएन के 80 साल पूरे होने पर भारत की ओर से पर्वथानेनी हरीश ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र के 80 वर्ष पूरे होने पर, यह इस बात पर विचार करने का एक उपयोगी अवसर है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित बहुपक्षवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की भावना को किस हद तक साकार किया गया है। साथ ही, इस राह में क्या बाधाएँ आई हैं। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद के पहले चार दशकों में उपनिवेशवाद का अंत हुआ और शीत युद्ध का दौर चला। संघर्षों को काफी हद तक नियंत्रित और प्रबंधित किया गया। इन प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका थी।"

उन्होंने कहा कि वास्तव में, 1988 में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद महाद्वीपों में कई संघर्ष छिड़ गए। संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों का स्वरूप भी बदलने लगा। हाल के दशकों में, संघर्षों का स्वरूप बदल गया है, जिसमें गैर-राज्यीय तत्वों का प्रसार हुआ है, जिन्हें अक्सर राज्य के तत्वों द्वारा प्रॉक्सी के रूप में बढ़ावा दिया जाता है; और आधुनिक डिजिटल और संचार तकनीकों द्वारा सीमा पार से धन, हथियारों की तस्करी, आतंकवादियों का प्रशिक्षण और कट्टरपंथी विचारधाराओं का प्रसार हुआ है।

UN में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत का पक्ष साफ

आतंकवाद को लेकर उन्होंने कहा, "सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर अच्छे पड़ोसी और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की भावना का उल्लंघन करने वाले राज्यों को भी गंभीर कीमत चुकानी चाहिए। हाल ही में, 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के परिणामस्वरूप, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे, और 25 अप्रैल के परिषद के वक्तव्य के आधार पर, जहां सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया था, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जो अपने प्राथमिक उद्देश्यों को प्राप्त करने पर केंद्रित, नपा-तुला था।

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भारत का पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब

पाकिस्तान की टिप्पणी पर भारत ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा, "मैं पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा की गई टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य हूँ। भारतीय उपमहाद्वीप प्रगति, समृद्धि और विकास के मॉडल के मामले में बिल्कुल विपरीत है। एक ओर भारत है जो एक परिपक्व लोकतंत्र, एक उभरती अर्थव्यवस्था और एक बहुलवादी व समावेशी समाज है।"

'आतंकवाद में डूबा पाक लगातार ले रहा कर्ज'

उन्होंने कहा कि दूसरी ओर पाकिस्तान है, जो कट्टरता और आतंकवाद में डूबा हुआ है और आईएमएफ से लगातार कर्ज ले रहा है। जब हम अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा कर रहे हैं, तो यह समझना जरूरी है कि कुछ बुनियादी सिद्धांत हैं जिनका सार्वभौमिक रूप से सम्मान किया जाना चाहिए। उनमें से एक है आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता। परिषद के किसी सदस्य को ऐसे आचरण में लिप्त रहते हुए उपदेश देना शोभा नहीं देता जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अस्वीकार्य है।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 23 July 2025 at 11:16 IST