अपडेटेड 8 April 2024 at 10:36 IST
आसमान में अब नहीं होगा 'ट्रैफिक जाम', वन एयरस्पेस की तरफ बढ़ रहा है भारत; होंगे और भी बहुत फायदे
भारत में एविएशन सेक्टर आने वाले दिनों बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है। देश में जल्द ही वन एयरस्पेश होगा। इस दिशा में काम जारी है।
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भारत में एविएशन सेक्टर आने वाले दिनों बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है। देश में जल्द ही वन एयरस्पेश होगा। हवाई क्षेत्र प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने की योजना पर लगातार काम किया जा रहा है। भारत हवाई क्षेत्र में दक्षता बढ़ाने और उत्सर्जन को कम करने के लिए काम कर रहा है। इसका उद्देश्य देश के एयरस्पेश को एकीकृत कमांड सेंटर के तहत लाना होगा, जिसे नागपुर में बनाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, देश का एयरस्पेस 2.8 मिलियन वर्ग समुद्री मील में फैला है और चार क्षेत्रों में विभाजित है। नई रणनीति का उद्देश्य नागपुर में एक एकीकृत कमांड सेंटर के तहत 2.8 मिलियन वर्ग समुद्री मील तक फैले हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण को मजबूत करना है, जो वर्तमान में चार क्षेत्रों में विभाजित है। अधिकारियों ने ईटी को बताया कि इस रणनीतिक कदम से हवाई यातायात प्रबंधन को ऑप्टिमाइज करने में बहुत मदद मिलेगी।
वन एयरस्पेश लागू होने में कितना समय
भारतीय हवाईअड्डे प्राधिकरण ( AAI) ने इस संबंध में वैश्विक कंपनियों से प्रौद्योगिकी प्राप्त करने और लागू करने के लिए सलाहकारों से बोलियां आमंत्रित करके प्रक्रिया शुरू की है। इससे लागत बचत और बेहतर सुरक्षा उपायों से एयरलाइन कंपनियों को लाभ होने की उम्मीद है। हालांकि, इस पूरे प्रोसेस में 8 साल का समय लगने का अनुमान है। इस योजना में कई चीजों को शामिल किया गया है,जैसे ढांचे का विकास, नियंत्रक प्रशिक्षण और नई प्रणाली में माइग्रेशन शामिल है।
योजना के क्या होंगे फायदे ?
एक बार पूरी तरह फूल फेज में एकीकृत हवाई क्षेत्र रणनीति आने के बाद एयरलाइंस को अधिक कुशल उड़ान मार्गों की पहचान करने में सक्षम बनाएगी। इससे यात्रा के समय और ईंधन की खपत दोनों में कमी होगी। अधिक ऊंचाई पर लगातार उड़ान पैटर्न और लैंडिंग को आसान करने की सुविधा प्रदान करेगा। इस पहल का उद्देश्य एयरलाइन कंपनियों की ऑपरेशन एफिशियंसी से भी सुधार होगा।
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वन एयरस्पेश से होगा बड़ा फायदा
हवाई क्षेत्र में दक्षता बढ़ाने का फैसला भारत में इस क्षेत्र में मांग को देख कर लिया जा रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी भारतीय विमानन क्षेत्र में विकास की बात कही है। उन्होंने कई बार कहा है कि अगले 5 वर्षों में मौजूदा विमान बेड़े के दोगुना होने के संकेत हैं। सीनियर एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारियों का कहना है कि अभी विभिन्न क्षेत्रों में उड़ानों के बीच तालमेल बिठाने काम काफी चुनौतीपूर्ण होता है ऐसे में नागपुर में एकीकृत नियंत्रण से इसमें काफी मदद मिलेगी।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 8 April 2024 at 10:24 IST