अपडेटेड 20 August 2024 at 22:17 IST

भारत, जापान ने ‘‘2 प्लस 2’’ वार्ता में हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत-जापान साझेदारी एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बड़े परिप्रेक्ष्य में है तथा यह बढ़ती रहेगी।

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India Japan 2 Plus 2 talks
भारत-जापान 2 प्लस 2 वार्ता | Image: @DrSJaishankar-X

 विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत-जापान साझेदारी एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बड़े परिप्रेक्ष्य में है तथा यह बढ़ती रहेगी।

भारत और जापान ने क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के बीच ‘‘2 प्लस 2’’ वार्ता का नया संस्करण आयोजित किया।

दिल्ली में हुई वार्ता में जापानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री योको कामिकावा और रक्षा मंत्री किहारा मिनोरू ने किया। भारतीय दल का नेतृत्व जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया।

जयशंकर ने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा, ‘‘पिछले दशक में हमारे संबंधों ने एक विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का रूप ले लिया है। इस विकास का कारण हमारे बढ़ते हित और बढ़ती गतिविधियां हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि हम दोनों एक अधिक अस्थिर और अप्रत्याशित दुनिया की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, इसलिए ऐसे विश्वसनीय साझेदारों की आवश्यकता है जिनके साथ पर्याप्त साझेदारी हो।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप, हमने एक-दूसरे के प्रयासों को सुगम बनाने, एक-दूसरे के उद्देश्यों को समझने, एक-दूसरे की स्थिति को मजबूत करने और साझा सहजता वाले अन्य देशों के साथ काम करने की कोशिश की है।’’

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विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी लगातार बढ़ती रहेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारा सहयोग एक खुले, स्वतंत्र और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के व्यापक परिप्रेक्ष्य में है।’’

जयशंकर ने कहा कि ‘‘2 प्लस 2’’ संवाद में विशेष रूप से आगे के कदमों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछली बार तोक्यो में मिले थे। (तब से) दुनिया में कई घटनाक्रम घटे हैं।’’

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-जापान की विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों तथा कानून के शासन पर आधारित है।

उन्होंने कहा कि भारत ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है और घरेलू रक्षा क्षमता निर्माण करना इस लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘रक्षा क्षेत्र में भारत-जापान की साझेदारी हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण पहलू रहेगी।’’

उन्होंने विश्वास जताया कि इस चर्चा से रक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए मजबूत प्रतिबद्धता जताई जा सकेगी।

सिंह ने कहा, ‘‘वर्तमान वैश्विक स्थिति को देखते हुए इस क्षेत्र में भारत-जापान साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण होगी। मुझे लगता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता, समावेश और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह साझेदारी महत्वपूर्ण है।’’

जयशंकर और सिंह ने ‘‘2 प्लस 2’’ वार्ता से पहले अपने जापानी समकक्षों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय चर्चा की।

जापान के साथ ‘‘2 प्लस 2’’ वार्ता द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग को और गहरा करने तथा दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और अधिक गहन करने के लिए शुरू की गई थी।

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 20 August 2024 at 22:17 IST