अपडेटेड 24 August 2025 at 20:39 IST

India First Double Decker Bridge: क्या आप जानते हैं देश का पहला डबल-डेकर पुल कहां बना था? राज्य का नाम जानकर हैरान रह जाएंगे

India First Double Decker Bridge: क्या आप जानते हैं देश का पहला डबल-डेकर पुल कहां बना था? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर जानने के लिए आपको और अधिक जानकारी प्राप्त करनी होगी। आइए इस लेख में जानते हैं।

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India First Double Decker Bridge
India First Double Decker Bridge | Image: Meta Ai

India First Double Decker Bridge: भारत में कई शानदार पुल हैं, लेकिन क्या आपने कभी डबल-डेकर पुल के बारे में सुना है? जी हां, यह पुल एक खास डिजाइन से बना है, जिसमें दो लेन एक-दूसरे के ऊपर होती हैं। यह पुल न सिर्फ अपनी डिजाइन के लिए खास है, बल्कि यह अपने स्थान के लिए भी एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। और क्या आप जानते हैं कि देश का पहला डबल-डेकर पुल बिहार में स्थित है? अगर नहीं, तो इस लेख में हम आपको इस पुल के बारे में सब कुछ बताएंगे।

बिहार में बने डबल-डेकर पुल का नाम क्या है?

भारत का सबसे पहला डबल-डेकर पूल राजेंद्र सेतु है। जो गंगा नदी पर बना हुआ है। यह डबल डेकर पुल उत्तर और दक्षिण बिहार को आपस में जोड़ता है। इतना ही नहीं, इस पुल का निर्माण 1952 में शुरू हुआ। उस समय इसे आजाद भारत का पुल कहा जाता है। इस पुल को बनाने वाले इंजीनियर भी अनोखआ मानते हैं। इस पुल के ऊपर सड़क मार्ग और नीचे रेलवे ट्रैक है।

प्रधानमंत्री पंडित नेहरू द्वारा किया गया था इस पुल का उद्घाटन 

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 2 दिसंबर 1959 को इस अनोखे पुल का निर्माण किया था और इस ब्रिज का नाम भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद के सम्मान में इस पुल का नाम रखा गया था।

डबल-डेकर पुल का महत्व

राजेंद्र सेतु  का डबल-डेकर रूप बिहार के सभी लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण बन गया। डबल-डेकर पुल से समय की बचत होती है और यह पुल दूसरे जिलों से जोड़ने में भी मदद करता है।

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राजेंद्र सेतु पुल कहां पर स्थित है?

राजेन्‍द्र सेतु को मोकामा पुल के नाम से भी जाना जाता है। यह बिहार की राजधानी पटना में मोकामा के करीब है।

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डबल-डेकर पुल के फायदे क्या-क्या हैं?

डबल-डेकर पुल होने से दो अलग-अलग रास्ते मिलने से ट्रैफिक की भीड़ कम हुई है। लोग कम समय में अपने स्थान तक पहुंच सकते हैं, जिससे यात्रा में आराम मिलता है। साथ ही एक बेहतर ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क भी बना है।

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 24 August 2025 at 20:39 IST