Published 14:43 IST, September 27th 2024
संजीवनी सोसायटी मामले में एसओजी ने अदालत में लिया यू-टर्न... अशोक गहलोत ने लगाया आरोप
गहलोत ने 900 करोड़ रुपये से अधिक के संजीवनी क्रेडिट सोसायटी भ्रष्टाचार मामले में शेखावत को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस के एसओजी ने अदालत में यू-टर्न लिया
Ashok Gehlot: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी मामले में अदालत द्वारा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने संबंधी याचिका का निपटारा किए जाने को लेकर विशेष कार्य समूह (एसओजी) पर निशाना साधा है।
गहलोत ने 900 करोड़ रुपये से अधिक के संजीवनी क्रेडिट सोसायटी भ्रष्टाचार मामले में शेखावत को घेरा था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस के विशेष कार्य समूह (एसओजी) ने अदालत में ‘यू-टर्न’ ले लिया।
केंद्रीय मंत्री शेखावत को बड़ी राहत
राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को इस मामले में केंद्रीय मंत्री शेखावत को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने संबंधी याचिका का निपटारा कर दिया। गहलोत ने इसके बाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है।
गहलोत ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बृहस्पतिवार शाम लिखा, ‘‘संजीवनी प्रकरण को लेकर केन्द्रीय मंत्री शेखावत द्वारा दायर एक मुकदमे में उच्च न्यायालय का फैसला वर्तमान में अदालत के सामने एसओजी द्वारा रखे गए तथ्यों के आधार पर आया है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद एसओजी ने उच्च न्यायालय में ‘यू-टर्न’ ले लिया।’’
पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, इस मामले के जांच अधिकारी (आईओ) को भी हटा दिया गया एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा नामित सरकारी वकीलों ने भी केन्द्रीय मंत्री का ही पक्ष लिया। इस सबके बावजूद उच्च न्यायालय ने मंत्री की याचिका के अनुरूप प्राथमिकी को रद्द नहीं किया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत की इजाजत लेकर आगे कार्रवाई की जा सकती है।
'गजेन्द्र शेखावत के अपराध में संलिप्तता…'
गहलोत ने कहा, ‘‘एसओजी ने 12 अप्रैल 2023 को राजकीय अधिवक्ता को लिखे गए पत्र में इस मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी, जिसके पेज नंबर सात पर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत एवं उनके परिजनों की अपराध में संलिप्तता की बात लिखी है और उन्हें आरोपी माना गया है। इस रिपोर्ट में लिखा है कि जिन कंपनियों की संलिप्तता संजीवनी घोटाले में है उनसे शेखावत का सीधा संबंध है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि इस मामले के कई पीड़ितों ने उनसे मुलाकात की जिसके बाद उन्होंने एसओजी से इस मामले की जानकारी मांगी। ’’एसओजी ने राज्य के गृहमंत्री के रूप में मुझे इन तथ्यों एवं इस प्रकरण की प्रगति से अवगत करवाया।’’ गहलोत ने कहा कि उनका गजेन्द्र शेखावत के प्रति कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है। उन्होंने कहा कि एसओजी से मिली जानकारी के आधार पर ही उन्होंने मीडियाकर्मियों के सामने शेखावत एवं उनके परिजनों पर लगे आरोपों की जानकारी रखी।
उन्होंने कहा ‘‘शेखावत ने कल भी अपने बयानों में अपनी दिवंगत माताजी पर लगे आरोपों का जिक्र किया। मैं उनकी माताजी का सम्मान करता हूं लेकिन राज्य के गृहमंत्री के रूप में मेरे सामने लाए गए तथ्यों को पीड़ितों एवं जनता के सामने रखना मेरा कर्तव्य था।’’
'एसओजी पर भाजपा सरकार ने दबाव बनाया'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य में सरकार बदलने के बाद एसओजी पर भाजपा सरकार ने दबाव बनाया, जिसके कारण एसओजी ने अदालत में ‘यू-टर्न’ लिया और इन्हें आरोपी नहीं माना। कांग्रेस नेता ने मांग की कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच दल गठित कर इस प्रकरण की जांच की जाए जिससे पता चले कि कांग्रेस शासन में एसओजी द्वारा गलत जांच की गई या अभी दबाव में एसओजी ने गलत रिपोर्ट तैयार की है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय इस मामले में एसओजी ने ‘फॉरेंसिक ऑडिट’ तक करवाकर भी जांच की थी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा उद्देश्य लाखों पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित कर उनकी मेहनत की कमाई उनको वापस दिलवाना है।’’
यह मामला वर्ष 2008 में राजस्थान सोसाइटी अधिनियम के तहत पंजीकृत संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़ा है। संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ने राजस्थान में 211 और गुजरात में 26 शाखाओं सहित भारत के कई अन्य राज्यों में भी अपनी शाखाएं खोलीं, जिसमें करीब 1,46,993 निवेशकों से कथित तौर पर 953 करोड़ रुपये से अधिक की निवेश राशि हासिल कर ठगी की गई।
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Updated 14:43 IST, September 27th 2024