Published 17:24 IST, October 9th 2024
हरियाणा के नतीजों का असर महाराष्ट्र तक, उद्धव ठाकरे की पार्टी ने कांग्रेस पर मढ़ दिए गंभीर आरोप
हरियाणा के चुनाव नतीजों पर संजय राउत ने कहा कि जहां कांग्रेस कमजोर है, वहां उसने क्षेत्रीय दलों की मदद ली, लेकिन जहां मजबूत है, वहां उन्हें कोई महत्व नहीं दिया।
‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल शिवेसना (यूबीटी) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अति आत्मविश्वास को कांग्रेस की हार की वजह बताते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि वह अपनी कमजोर मौजूदगी वाले इलाकों में तो सहयोगी दलों पर निर्भर रही, लेकिन गढ़ कहे जाने वाले क्षेत्रों में उन्हें अनदेखा कर दिया। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लगातार तीसरी जीत के एक दिन बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस ने अपने साझेदार दलों को महत्व देते हुए एक गठबंधन किया होता तो परिणाम भिन्न हो सकते थे।
राउत ने पत्रकारों से कहा, “जहां कांग्रेस कमजोर है, वहां उसने क्षेत्रीय दलों की मदद ली, लेकिन जहां मजबूत है, वहां उन्हें कोई महत्व नहीं दिया।” राउत ने कहा, “अगर इंडी अलायंस हरियाणा में चुनाव लड़ता और समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना को सीट दी जातीं तो गठबंधन को जीत हासिल करने में मदद मिलती, लेकिन कांग्रेस ने सोचा कि मुकाबला एकतरफा है और वह खुद ही जीत जाएगी।”
हरियाणा चुनाव के परिणामों का असर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पड़ने से जुड़ी आशंकाओं को खारिज करते हुए राउत ने एक बार फिर महा विकास आघाडी (एमवीए) के साझेदार दलों से आगामी चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की अपील की। महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के गठबंधन एमवीए में शिवेसना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं।
राउत ने नवंबर में संभावित महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की शिवसेना (यूबीटी) की मांग दोहराते हुए कहा, “महाराष्ट्र जैसे राज्य में लोग एक नेता चाहते हैं। लोग इस नीति को समझ नहीं पाते कि पहले आप चुनाव लड़ें और उसके बाद मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करें।”
(PTI की खबर में सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया गया है)
Updated 17:24 IST, October 9th 2024