अपडेटेड 21 October 2023 at 09:40 IST
Maa Kalratri: कैसे हुई थी मां कालरात्रि की उत्पत्ति? किस राक्षस का किया था वध, जानें 7वें दिन का महत्व
Navratri का हर दिन किसी न किसी देवी को समर्पित किया गया है और इसके पीछे एक खास वजह भी रही है। ठीक इसी तरह से सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा के पीछे में रहस्य है।
- भारत
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Maa Kalratri Ke Janm Ki Pichhe Kya Uddheshya Tha: नवरात्रि का सातवां दिन महासप्तमी के नाम से जाना जाता है। यह मां कालरात्रि को समर्पित किया गया है। इस दिन इनकी विधिवत पूजा अर्चना की जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि Maa Kalratri का जन्म क्यों हुआ था और कैसे उनकी पूजा का महत्व क्या है?
स्टोरी में आगे ये पढ़ें...
- कैसे हुई थी मां कालरात्रि की उत्पत्ति?
- मां कालरात्रि ने किस राक्षस का किया था वध?
- मां कालरात्रि की पूजा का महत्व क्या है?
- क्यों की जाती है मां कालरात्रि की पूजा?
कैसे और क्यों हुई थी मां कालरात्रि की उत्पत्ति?
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, रक्तबीज नाम के एक राक्षक ने चारों तरफ अपने अत्याचार से हाहाकार मचा रखा था। उसके आतंक से मानव ही नहीं, बल्कि देवता तक परेशान थे। रक्तबीज को वरदान मिला था कि उसके रक्त की बूंद धरती पर गिरते ही उसी के समान एक और शक्तिशाली दानव पैदा हो जाएगा। इस तरह रक्तबीज की सेना तैयार होती गई और उसका आतंक भी बढ़ता गया।
एक बार रक्तबीज से परेशान होकर सभी देवता भगवान शिव के पास पहुंचे। तब भगवान शिव ने माता पार्वती से अनुरोध किया, जिसके बाद माता पार्वती ने अपनी शक्ति और तेज से मां कालरात्रि को उत्पन्न किया। मां कालरात्रि ने रक्तबीज का वध करते हुए उसके शरीर से निकलने वाले रक्त के बूंद को जमीन पर गिरने से पहले ही पी लिया और इस तरह से मां ने रक्तबीज के आतंक से मानव और देवताओं को मुक्त कराया था।
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क्यों की जानती है मां कालरात्रि की पूजा क्या है महत्व?
मां कालरात्रि को दुष्टों का नाश करने और रोगों की मुक्ति के लिए पूजा जाता है। कहते हैं इनकी पूजा करने वाले व्यक्ति के सभी रोगों का नाश होता है और शत्रुओं पर विजय मिलती है। साथ ही ग्रह बाधा और भय भी दूर होते हैं। साथ ही भूत प्रेत, अकाल मृत्यु, रोग, शोक आदि सभी प्रकार की परेशानियां भी समाप्त हो जाती हैं। इसलिए मां कालरात्रि की पूजा विशेष महत्व माना जाता है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 21 October 2023 at 09:34 IST