अपडेटेड 23 November 2025 at 22:26 IST

पश्चिम बंगाल और यूपी समेत 12 राज्यों में कहां तक पहुंची SIR प्रक्रिया? विपक्ष के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने जारी किए आंकड़े

चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि SIR प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ चल रही है। आयोग ने बताया कि 12 राज्यों में SIR का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। फॉर्म वितरण का काम लगभग पूरा हो चुका है, जिसमें 95.44 प्रतिशत फॉर्म बांटे जा चुके हैं।

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SIR in West Bengal
पश्चिम बंगाल और यूपी समेत 12 राज्यों में कहां तक पहुंची SIR प्रक्रिया? | Image: ANI

उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया पर विपक्षी दलों का हंगामा तेज हो गया है। एक ओर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखे हुए है, वहीं दूसरी ओर चुनावी सूची के संशोधन अभियान को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर पहुंच चुका है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर SIR प्रक्रिया में गड़बड़ी का सीधा आरोप लगाते हुए एजेंसियों को निशाना बनाने का पुराना राग अलापा है। इस बीच, चुनाव आयोग ने विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए अखिलेश के आरोपों पर जवाब दिया है।

अखिलेश यादव का तीखा प्रहार

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने SIR प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और वोटर फॉर्म्स के वितरण व गणना में भारी अनियमितताएं हो रही हैं। अखिलेश ने कहा, "यह प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है। एजेंसियां सत्ताधारी दल के इशारों पर काम कर रही हैं, जिससे लाखों वोटरों के अधिकारों का हनन हो रहा है।" उनके इस बयान ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल मचा दी है।

पश्चिम बंगाल में भी तृणमूल कांग्रेस के नेता खुलकर बोल रहे हैं। वे आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव आयोग BJP के साथ मिलकर वोटर लिस्ट में हेरफेर कर रहा है, जिससे अल्पसंख्यक और गरीब वोटर प्रभावित हो रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि सही ट्रेनिंग के बिना ही SIR शुरू कर दी गई, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।

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चुनाव आयोग का स्पष्ट जवाब

चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि SIR प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ चल रही है। चुनाव आयोग ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सभी अधिकारियों को पहले ही विस्तृत ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अगर कहीं फॉर्म नहीं पहुंचा या शिकायत मिली, तो उसे गंभीरता से लेते हुए तुरंत वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। आयोग के अनुसार, यूपी में अब तक 2 करोड़ से अधिक गणना फॉर्म जमा हो चुके हैं, जिन्हें डिजिटाइज भी कर दिया गया है।

आयोग ने देशभर की प्रगति पर जोर देते हुए बताया कि 12 राज्यों में SIR का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। फॉर्म वितरण का काम लगभग पूरा हो चुका है, जिसमें 95.44 प्रतिशत फॉर्म बांटे जा चुके हैं।

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  • राजस्थान में 99.36% फॉर्म बांटे जा चुके हैं और 60.54% को डिजिटलाइज हो चुका है।
  • मध्य प्रदेश में 99.81% फॉर्म बांटे गए हैं और 49.42% को डिजिटलाइज कर दिया।
  • गुजरात में 99.65 % फॉर्म दिए गए हैं और 49.42% को डिजिटलाइज कर दिया।
  • पश्चिम बंगाल में 99.74% फॉर्म बांटे जा चुके हैं और 40.18% को डिजिटलाइज पूरा हो गया है।
  • तमिलनाडु में  95.78% फॉर्म बांटे जा चुके हैं और 35.86% को डिजिटलाइज किया गया है।
  • छत्तीसगढ़    में 99.07% फॉर्म बांटे जा चुके है और 34.32% को डिजिटलाइज कर दिया।
  • उत्तर प्रदेश में 99.58% फॉर्म बांटे गए और 14.12% को डिजिटलाइज कर दिया।
  • केरल में 97.15% फॉर्म बांटे जा चुके है और 10.58% को डिजिटलाइज हो चुका है।

ये आंकड़े दर्शाते हैं कि अधिकांश राज्यों में फॉर्म वितरण 99 प्रतिशत से ऊपर पहुंच चुका है, हालांकि डिजिटाइजेशन का काम अभी कई राज्यों में शुरुआती चरण में है। आयोग ने जोर दिया कि कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

क्या है SIR का मकसद?

SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन, चुनावी सूची को अपडेट करने का एक विशेष अभियान है, जो वोटरों की सटीक जानकारी सुनिश्चित करता है। इसका उद्देश्य फर्जी वोटरों को हटाना, नए वोटरों को जोड़ना और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डेटा को मजबूत बनाना है। लेकिन विपक्ष इसे सत्ताधारी दल के पक्ष में हेरफेर का हथियार बता रहा है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 23 November 2025 at 22:26 IST