अपडेटेड 14 May 2025 at 13:11 IST

पहलगाम आतंकी हमले के ठीक बाद पाकिस्तान कैसे पहुंच गए BSF जवान? 20 दिन बाद अपनी मिट्टी पर रखा कदम; जानें पूरा घटनाक्रम

भारत के बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ करीब 20 दिन बाद पाकिस्तान की कैद से रिहा हो गए हैं। उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत को सौंप दिया गया।

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BSF Jawan Purnam Kumar Shaw Handed Over
BSF Jawan Purnam Kumar Shaw Handed Over | Image: Republic

Purnam Kumar Shaw: भारत के बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार को पाकिस्तान रेंजर्स ने छोड़ दिया है। कॉन्सटेबल पूर्णम कुमार शॉ को करीब 20 दिन बाद आज लगभग सुबह साढ़े 10 बजे अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत को सौंप दिया गया। DGMO लेवल पर चली लंबी बातचीत के बाद उन्होंने अपनी मिट्टी पर कदम रखा।

जानकारी के अनुसार, BSF जवान को मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया है। पूर्णम कुमार की वतन वापसी की खबर से उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। उनकी पत्नी समेत पूरा परिवार उनसे मिलने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा है। ऐसे में मेडिकल जांच और पूछताछ के बाद उन्हें अपने घर जाने दे दिया जाएगा।

बीएसएफ ने दी जवान के वतन वापसी की सूचना

पूर्णम कुमार के पाकिस्तान के कैद से लौटने की जानकारी बीएसएफ की ओर से प्रेस रिलीज के जरिये दी गई। इसमें बताया गया कि जेसीपी अटारी पर पाक रेंजर्स द्वारा बीएसएफ जवान को सौंपा गया। आज सुबह करीब 10.30 बजे कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को अटारी वाघा सीमा पर बीएसएफ द्वारा पाकिस्तान से वापस लाया गया।'

लगातार प्रयासों के बाद वापसी हुई संभव 

प्रेस रिलीज में आगे बताया गया है, 'कॉन्सटेबल पूर्णम कुमार शॉ 23 अप्रैल 2025 को लगभग 11.50 बजे फिरोजपुर सेक्टर के इलाके में ऑपरेशनल ड्यूटी पर रहते हुए अनजाने में पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे और पाक रेंजर्स द्वारा हिरासत में ले लिए गए थे। 2 पाकिस्तान रेंजर्स के साथ नियमित फ्लैग मीटिंग और अन्य संचार चैनलों के माध्यम से बीएसएफ के लगातार प्रयासों से बीएसएफ कांस्टेबल की वापसी संभव हो पाई है।'

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कैसे पाकिस्तान पहुंच गए थे पूर्णम कुमार?

पहलगाम आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद पूर्णम कुमार गलती से सीमा लांघकर पाकिस्तान पहुंच गए थे, जिसके बाद पाक रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। इससे पहले पाक ने गलती से बॉर्डर पार कर जाने वाले बीएसएफ जवान की रिहाई से कई दफा इंकार कर दिया था। अधिकारियों ने बताया था कि पहले दोनों देशों के बीच अगर कोई जवान बॉर्डर पार कर लिया करता था तो उसे वापस लौटा दिया जाता था। यह बात सामान्य थी, लेकिन पहलगाम में आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच उपजे तनाव ने इस घटना को असामान्य कर दिया।

जवान की पत्नी ने PM से लगाई थी गुहार

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तहस-नहस कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले किए और फिर दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। भारत और पाकिस्तान के बीच के तनावपूर्ण हालात को देखते हुए बीएसएफ कॉन्सटेबल पूर्णम का परिवार बेहद चिंतित हो गया था। पूर्णम की पत्नी रजनी ने पीएम मोदी और शीर्ष सैन्य अधिकारियों से पति की रिहाई के लिए गंभीर पहल करने की गुहार लगाई थी। 

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 14 May 2025 at 12:55 IST