अपडेटेड 12 March 2025 at 21:49 IST

हरिद्वार में मुस्लिम समाज ने होली पर जुमे की नमाज पढ़ने का समय बदला

होली और जुमे की नमाज को लेकर दोनों समुदायों के बीच चल रही बयानबाजी के बीच धर्मनगरी हरिद्वार के मुस्लिम समाज ने सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए अपनी नमाज पढ़ने का समय बदल दिया है।

Follow : Google News Icon  
Holi 2025: How to remove colour
होली पर जुमे की नमाज | Image: Freepik

होली और जुमे की नमाज को लेकर दोनों समुदायों के बीच चल रही बयानबाजी के बीच धर्मनगरी हरिद्वार के मुस्लिम समाज ने सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए अपनी नमाज पढ़ने का समय बदल दिया है।

ज़मीयत उलेमा-ए-हिन्द के उत्तराखंड प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और ज्वालापुर के सबसे बड़े मदरसे के प्रबंधक मौलाना आरिफ कासमी ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि रमजान में जुमे की नमाज और होली एक ही दिन पड़ रहे हैं जिसे देखते हुए हमने बीच का रास्ता निकाला है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने जुमे की नमाज पढ़ने का समय बदल दिया है ताकि किसी को दिक्कत न हो और हिन्दू एवं मुसलमान दोनों में भाईचारा और अमन-चैन कायम रहे।’’

कासमी ने कहा, ‘‘ अमूमन जुमे की नमाज दोपहर पौने एक बजे से सवा दो बजे तक होती है लेकिन होली को देखते हुए हरिद्वार के शहरी क्षेत्रों में नमाज अपने तयशुदा समय से एक से डेढ़ घंटे देरी से यानी दोपहर ढाई बजे पढ़ी जाएगी जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह अपने समय से एक से डेढ़ घंटा पहले पढ़ ली जाएगी।’’

Advertisement

मौलाना ने कहा कि यह फैसला केवल समय का बदलाव भर नहीं है बल्कि सामाजिक सौहार्द, भाईचारे और एकजुटता की मिसाल है। उन्होंने कहा कि आपसी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के मंसूबे पूरे नहीं होंगे।

उन्होंने कहा कि जुमे की नमाज घर में नही मस्जिद में ही की जा सकती है। उन्होंने इस तर्क को खारिज कर दिया कि जुमा साल मे 52 बार आता है । उन्होंने कहा कि हर मुसलमान के लिए हर जुमे का खास महत्त्व है ।

Advertisement

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 12 March 2025 at 21:49 IST