अपडेटेड 5 February 2025 at 21:17 IST

हिंदू समाज तभी ‘फल-फूल’ सकता है, जब वह एकजुट हो : मोहन भागवत

केरल में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हिंदू धर्म में कोई भी श्रेष्ठ या निम्न नहीं है; जाति कोई मायने नहीं रखती और “छुआछूत के लिए कोई जगह नहीं” है।

Follow : Google News Icon  
RSS Chief Mohan Bhagwat
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत | Image: ANI

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि हिंदू समाज तभी “फल-फूल” सकता है, जब वह एकजुट हो। उन्होंने सभी हिंदुओं को उनकी जाति, क्षेत्र या भाषा से परे एक मानने का आह्वान किया। केरल के पत्तनमथिट्ठा में चेरुकोलपुझा हिंदू धार्मिक सम्मेलन के हिस्से के रूप में आयोजित हिंदू एकता सम्मेलन में भागवत ने कहा कि एकजुट समाज फलता-फूलता है, जबकि खंडित समाज मुरझा जाता है।

उन्होंने कहा कि हिंदू होना एक “स्वभाव” है, जिसमें लोग पढ़ाई-लिखाई का इस्तेमाल ज्ञान बढ़ाने के लिए, धन का इस्तेमाल दान के लिए और ताकत का इस्तेमाल कमजोरों की मदद करने के लिए करते हैं। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हिंदू धर्म में कोई भी श्रेष्ठ या निम्न नहीं है; जाति कोई मायने नहीं रखती और “छुआछूत के लिए कोई जगह नहीं” है।

एक-दूसरे का करें सम्मान- भागवत

उन्होंने सभी हिंदुओं से एक-दूसरे का सम्मान करने का आग्रह किया और कहा कि अगर “सभी हिंदू एकजुट हो जाएं, तो इससे दुनिया को फायदा होगा।” भागवत ने एकजुट होने के तरीके भी सुझाए, जिनमें “खुद को पहचानना”, सभी के साथ समान बर्ताव करना और पर्यावरण की रक्षा करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए नीतिगत बदलावों में समय लगेगा, लेकिन लोग तीन छोटी चीजें कर सकते हैं : पानी बचाएं, पेड़ लगाएं और प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करें। आरएसएस प्रमुख ने परिवारों में संस्कारों के महत्व पर चर्चा का आह्वान किया। उन्होंने दावा किया कि इससे केरल में मादक पदार्थों की लत की समस्या से निपटने में मदद मिल सकती है।

Advertisement

घर में ‘संस्कार’ की कमी 

भागवत ने कहा, “हमारे युवा नशे के आदी क्यों हैं? ऐसा इसलिए है, क्योंकि घर में कोई ‘संस्कार’ नहीं हैं।” उन्होंने कहा, “अगर सभी लोग एकजुट होकर काम करें, तो हिंदू एकता हासिल की जा सकती है। पूरी दुनिया इंतजार कर रही है कि हिंदुस्तान उनका मार्ग दर्शन करे।” भागवत दो दिवसीय दौरे पर केरल में हैं और वह छह फरवरी को राज्य से रवाना होंगे। आरएसएस प्रमुख संगठनात्मक गतिविधियों के तहत जनवरी में छह दिनों के लिए केरल में थे।

ये भी पढ़ें: BJP या आम आदमी पार्टी, OBC और अपर कास्ट की पहली पसंद कौन? हैरान कर देंगे Exit Poll के आंकड़े

Advertisement

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 5 February 2025 at 21:17 IST