अपडेटेड 28 February 2024 at 14:21 IST
हिमाचल में कांग्रेस की सुक्खू सरकार जाएगी या बदलेगा CM? नाराज विधायकों को मनाने की कवायद हुई तेज
हिमाचल में कांग्रेस सरकार खतरे में है। डैमेज हो चुका है लेकिन जो बच गया है उसे समेटने की जुगत में कांग्रेस भिड़ गई है!

Sukhu Government Crisis: राज्यपाल से मिलने के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मीडिया के सामने दावा किया कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार अल्पमत में है और नैतिक तौर पर उन्हें सरकार चलाने का अधिकार नहीं है। इस बीच कांग्रेस ने भी नाराज विधायकों के मान मनौव्वल की तैयारी शुरू कर दी है। मिशन पर कर्नाटक के डीके शिवकुमार को लगा दिया गया है।
राज्यसभा में कांग्रेस की हार से समीकरणों में तेजी से बदलाव हुआ है। सियासी हलचल बढ़ गई है। प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा उन्होंने वस्तुस्थिति से राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी वजहों से हारी है।
राज्यपाल से मिला बीजेपी प्रतिनिधिमंडल
राज्यपाल से मिलने के बाद ठाकुर ने फिर कहा कि हमने गर्वनर को उन बातों के बारे में बताया जो असेंबली में हुई। उन्होंने कहा- हमने राज्यपाल को हाल ही में विधानसभा में जो कुछ हुआ उसके बारे में सूचित किया है...हमने उन्हें विपक्षी विधायकों के प्रति अध्यक्ष के व्यवहार के बारे में सूचित किया है। विधानसभा में जब हमने वित्तीय विधेयक के दौरान मत विभाजन की मांग की तो इसकी अनुमति नहीं दी गई और सदन को दो बार स्थगित किया गया। उसके बाद मार्शल ने हमारे विधायकों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया वह ठीक नहीं था। मार्शलों द्वारा विधायकों पर हमला किया गया... विधायक घायल हुए, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में ऐसा कभी नहीं हुआ...बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीता...वर्तमान में, कांग्रेस सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है...''
गढ़ बचाने में जुटी कांग्रेस
इस बीच कांग्रेस बिखरते कुनबे को समेटने में लग गई है। डीके शिवकुमार को अहम जिम्मेदारी दी गई है। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके को हिमाचल का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। शिवकुमार बेंगलुरु से चंडीगढ़ के लिए फ्लाइट ले सड़क मार्ग से हिमाचल पहुंचेंगे। वो दोपहर तक हिमाचल पहुंच जाएंगे। हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी हिमाचल भेजे जाने की खबर है।
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राज्यसभा चुनाव में क्या हुआ?
27 फरवरी को वोटिंग में भाजपा-कांग्रेस दोनों ही उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले। जिसके बाद लॉटरी सिस्टम से भाजपा उम्मीदवार को विजेता घोषित किया गया। अब 9 विधायकों की क्रॉस वोटिंग से CM सुखविंदर सुक्खू की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार खतरे में आ गई है।
हिमाचल में कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के हक में क्रॉस वोटिंग की। क्रॉस वोटिंग करने वालों में कांग्रेसी के सुजानपुर से राजेंद्र राणा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो, बड़सर से आईडी लखनपाल, लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर और गगरेट से चैतन्य शर्मा थे। ये सभी एक ही गाड़ी में विधानसभा पहुंचे। इनके अलावा 3 निर्दलीय विधायकों हमीरपुर के आशीष शर्मा, देहरा के होशियार सिंह और नालागढ़ के केएल ठाकुर ने भी भाजपा कैंडिडेट हर्ष महाजन को वोट कास्ट किया।
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समझें नंबर गेम ?
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीट हैं। ऐसे में बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 35 सीटों की जरूरत होती है। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 40 विधायक जीते। बीजेपी के 25 और तीन अन्य विधायकों को जीत मिली। बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस के भीतर खींचतान देखी गई। प्रतिभा सिंह और सुक्खू धड़ा आमने सामने था। मिडल पाथ एडॉप्ट किया गया। वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य को कैबिनेट मंत्री बनाया गया और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष। सरकार को तीनों निर्दलीय विधायकों ने भी अपना समर्थन दे दिया था। ऐसे में सुक्खू सरकार के पास कुल 43 विधायक थे। लेकिन फिलहाल स्थितियां बदल चुकी हैं।
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 28 February 2024 at 08:54 IST