अपडेटेड 28 February 2024 at 11:36 IST
हिमाचल का कितना बदला नंबर गेम, कैसे सुखविंदर सुक्खू बड़े संकट में फंसे... आई सरकार गिरने तक की नौबत!
विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव परिणाम के एक दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। असंतुष्ट विधायक शिमला को छोड़कर हरियाणा पहुंच गए हैं।
- भारत
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Himachal Pradesh Politics : हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए चुनाव में क्रॉस वोटिंग ने पूरा समीकरण बदल दिया है। राज्यसभा चुनाव की रार सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन रही है। हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने राज्य में राज्यसभा चुनाव परिणाम के एक दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। असंतुष्ट विधायक शिमला को छोड़कर हरियाणा पहुंच गए हैं। आशंकाएं हैं कि जल्द सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार गिर सकती है।
विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की। इस्तीफा देते हुए विक्रमादित्य कहते हैं, 'हमने पार्टी का हमेशा साथ दिया है। मैं आज सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि वर्तमान समय में मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं है। मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।'
पंचकूला में कांग्रेस के 6 असंतुष्ट विधायक
विक्रमादित्य का ये इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है, जब कांग्रेस पार्टी के विधायक क्रॉस वोटिंग के बाद हरियाणा के पंचकूला पहुंचे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के 6 विधायक इंद्रजीत लखनपाल, चैतन्य शर्मा, सुधीर शर्मा,राजेंद्र राणा, देवेंद्र सिंह भुट्टो, रवि ठाकुर पंचकूला में ठहरे हैं। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, के एल ठाकुर और होशियार सिंह भी यहां मौजूद हैं।
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विधायकों की क्रॉस वोटिंग से हारी कांग्रेस
68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक और उसे 3 निर्दलीय सदस्यों का समर्थन था। बीजेपी को 25 सीटें मिली थीं। मंगलवार को राज्यसभा की एकमात्र सीट पर चुनाव हुआ, जिसके लिए 35 विधायकों के वोट चाहिए थे। बताया जाता है कि कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीयों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट दे दिया। इससे हर्ष महाजन और अभिषेक मनु सिंघवी को मिले वोटों की संख्या 34-34 की बराबरी पर आ गई। बाद में महाजन को 'ड्रॉ' के जरिए विजेता घोषित कर दिया गया।
सुक्खू सरकार पर आया संकट
सवाल ये है कि कांग्रेस पार्टी हिमाचल प्रदेश में आए बड़े संकट से अब कैसे उबरेगी। क्योंकि 6 विधायकों की बगावत से सरकार पर भी खतरा आ चुका आया है। कांग्रेस के 40 विधायकों में से 6 विधायक अलग कर दिए जाएं तो विधानसभा में पार्टी की संख्या 34 रह जाएगी, जबकि हिमाचल विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 35 है।
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राज्यपाल से मिले बीजेपी के नेता
मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी भी सक्रिय हो चुकी है और राज्यपाल से मुलाकात की है। बुधवार को जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बीजेपी विधायक दल के सदस्यों ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की। ये बैठक कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की अटकलों के बीच हुई है। ऐसे में सुक्खू सरकार पर संकट की संभावनाएं और बढ़ गई हैं।
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 28 February 2024 at 11:17 IST