अपडेटेड 8 November 2024 at 14:45 IST
हिमाचल कंगाल, समोसे पर बवाल! CM सुक्खू ने कराई जांच तो BJP बोली- कांग्रेस ने शासन को मजाक बना दिया
हिमाचल प्रदेश CID को जांच ये पता लगाने के लिए सौंपी गई कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए भेजे गए समोसे और केक किसी और की प्लेट में कैसे परोस दिए गए?
- भारत
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Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश कर्ज के बोझ तले दबा है। सैलरी कटौती से लेकर नौकरियों पर ताला तक लग चुका है। और तो और, 'टॉयलेट टैक्स' तक राज्य में लगाने पड़ गए। हालांकि हिमाचल की सियासत में नौबत ये है कि 'समोसे' पर संग्राम हो रहा है। सूबे के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू को समोसा नहीं मिला है तो इसकी जांच CID से करा दी गई है। इसमें हैरानी की बात ये कि मामले को सरकार विरोधी कृत्य की परिभाषा दी गई है और समोसे खाने वालों को कारण बताओ नोटिस मिला है।
पहले हिमाचल प्रदेश के बहीखाते को देख लिया जाए तो राज्य लगातार दिवालियापन की ओर बढ़ता जा रहा है। हिमाचल प्रदेश पर 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। इसी साल सितंबर महीने में कुछ रिपोर्ट्स आईं कि वित्तीय संकट के कारण राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन में देरी कर रही है और मुफ्त में सुविधाएं देने की अपनी योजना पर पुनर्विचार कर रही है। कुछ हद तक, राज्य वेतन, पेंशन और सब्सिडी पर भी भारी बोझ उठा रहा है। हालांकि आलम ये है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को समोसा क्यों नहीं मिल पाया, इसकी जांच हो रही है और एक्शन भी लिया जा रहा है।
समोसे के लिए बैठाई गई CID जांच
हिमाचल प्रदेश CID को जांच ये पता लगाने के लिए सौंपी गई कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए भेजे गए समोसे और केक किसी और की प्लेट में कैसे परोस दिए गए। रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस कृत्य को 'सरकार विरोधी' कृत्य कहा और इसे VVIP की मौजूदगी के सम्मान के खिलाफ अपराध बताया। रिपोर्ट में कहा गया कि इसमें शामिल लोग 'अपने एजेंडे के अनुसार काम कर रहे थे।' 21 अक्टूबर को CID मुख्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान हुई कथित घटना के बाद पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) ने पूरी जांच की। जांच में ये समझने की कोशिश की गई कि मुख्यमंत्री के लिए मंगाया गया समोसा उन्हें क्यों नहीं मिला, इस चूक के लिए कौन से अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार थे?
भारतीय जनता पार्टी अब कांग्रेस पर हमलावर
इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी अब कांग्रेस पर हमलावर है। बीजेपी के नेता प्रदीप भंडारी कहते हैं- 'टॉयलेट टैक्स के बाद हिमाचल प्रदेश में समोसा सागा। कांग्रेस के सीएम सुखू जी को गुस्सा आया कि उन्हें उनका समोसा नहीं मिला। उन्होंने सीआईडी से जांच करने को कहा और अपने कर्मचारियों की ओर से उनका समोसा खाने को सरकार विरोधी कृत्य बताया। कांग्रेस ने शासन को मजाक बना दिया है और अपनी गरीब विरोधी मानसिकता को उजागर किया है।'
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हिमाचल प्रदेश के एलओपी जयराम ठाकुर कहते हैं, 'आजकल हिमाचल प्रदेश में सरकार जिस तरह से फैसले लेती है, वो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि बिना सोचे समझे फैसले लिए जाते हैं। अब एक और विषय जिस पर चर्चा हो रही है वो ये है कि समोसे जहां पहुंचने चाहिए थे, वहां पहुंचे नहीं। मुख्यमंत्री और हिमाचल प्रदेश सरकार को लगा कि ये बहुत गंभीर मामला है और इस पर जांच होनी चाहिए। ये भी कहा गया कि ये सरकार विरोधी गतिविधि है। जिन लोगों ने इसे खाया वो सरकार का हिस्सा रहे होंगे। ये सरकार विरोधी गतिविधि कैसे है? दुर्भाग्य से बिना सोचे समझे फैसले लिए जा रहे हैं।'
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CM 'समोसे' से हटकर 'दुर्व्यवहार' की बात कर रहे
मामले ने तूल पकड़ा है तो कुछ दिनों पहले दिन हिमाचल में आर्थिक संकट की बात करने वाले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ध्यान 'समोसे' से हटाकर 'दुर्व्यवहार' पर ला दिया है। अब वो समोसे की बात नहीं कर रहे हैं। 'समोसा' विवाद पर मुख्यमंत्री एएनआई से बात करते हुए कहते हैं- 'ऐसी कोई बात नहीं है। वो (CID) दुर्व्यवहार के मुद्दे पर शामिल हुई, लेकिन आप (मीडिया) 'समोसा' के बारे में खबर चला रहे हैं।'
आखिर किसने खाया CM को परोसे जाना वाला समोसा?
21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू साइबर विंग के नए स्टेशन का उद्घाटन करने के लिए सीआईडी मुख्यालय गए थे। हालांकि, सीएम के बजाय, समोसे और केक उनके कर्मचारियों को परोसे गए, जिससे आंतरिक सीआईडी जांच शुरू हो गई। हिमाचल प्रदेश के डीजीपी अतुल वर्मा ने कहा कि मामले की जांच पुलिस मुख्यालय नहीं, बल्कि सीआईडी कर रही है।
जांच में पता चला कि स्टाफ ही सीएम सुक्खू के लिए मंगाए गए समोसे और केक खा गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, आईजी रैंक के एक अधिकारी ने पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) को सीएम के दौरे के लिए होटल से कुछ समोसे और केक लाने के लिए कहा था। एसआई ने बदले में एक सहायक एसआई (एएसआई) और एक हेड कांस्टेबल को सामान लाने का निर्देश दिया। एएसआई और हेड कांस्टेबल ने होटल से 3 डिब्बों में समोसे-केक लाए और एसआई को जानकारी दे दी। जब उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पर्यटन विभाग के कर्मचारियों से पूछा कि क्या तीनों डिब्बों में रखे नाश्ते मुख्यमंत्री को परोसे जाने थे, तो उन्होंने कहा कि ये मेन्यू में शामिल नहीं थे।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, खाने-पीने की चीजें सीएम सुरक्षा स्टाफ को सौंप दी गई थीं। होटल से समोसे लाने से लेकर सुरक्षा स्टाफ तक सौंपे जाने तक की प्रक्रिया में नाश्ते के तीन डिब्बे कई लोगों के हाथों में गए। हालांकि एएसआई और हेड कांस्टेबल को ही इस बात की जानकारी थी कि तीनों डिब्बे मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए थे। जबकि किसी अन्य बड़े अधिकारी को इसकी जानकारी नहीं थी। ऐसे में तीनों डिब्बे इधर से उधर हो गए। ये सामान अनजाने में सीएम के कर्मचारियों को परोस दिया गया।
5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना को लेकर एक महिला इंस्पेक्टर समेत 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। कारण बताओ नोटिस पाने वाले पुलिसकर्मी डीएसपी रैंक के जांच अधिकारी के समक्ष अपना अंतिम बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया में हैं, जिन्होंने पांचों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 8 November 2024 at 14:45 IST