अपडेटेड 29 February 2024 at 12:17 IST

हिमाचल में ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी के जरिए सुक्खू बचा पाएंगे कुर्सी? विक्रमादित्य खेमा बनी बड़ी चुनौती

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी से विधायक साधने की कोशिश की। पार्टी विधायक आशीष बुटेल ने कहा- ये अहम है।

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Himachal Pradesh Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu.
सुखविंदर सिंह सुक्खू | Image: PTI

Himachal Pradesh Update:  विधानसभा सत्र से पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में सभी कांग्रेस विधायकों की 'ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी' के जरिए डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की। पार्टी विधायक आशीष बुटेल मीडिया से मुखातिब हुए तो बोले- “यह एक अहम बैठक है। देखते हैं क्या होता है। यह एक अनौपचारिक बैठक है।

पिछले 2 दिनों में जिस तरह सियासी घटनाक्रम बदला, बना और बिगड़ा उससे जाहिर हुआ कि सुक्खू ने कुर्साी बचाने की कवायद में खुद को झोंक दिया। यहीं पहुंचे कांग्रेस विधायक सुदर्शन सिंह बब्लू ने कहा, ''सीएम ने सभी को नाश्ते पर बुलाया है। आइए देखें क्या चर्चा हो रही है...हमें कल रात संदेश मिला। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमारी सरकार चलती रहेगी।” बुधवार को कांग्रेस विधायकों ने दो केंद्रीय पर्यवेक्षकों डीके शिवकुमार और भूपेन्द्र हुडडा से अलग-अलग मुलाकात की। पर्यवेक्षक अब अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपेंगे।

चुनौती कम नहीं

ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी की जरूरत क्यों पड़ी ये जगजाहिर है लेकिन यहां पहुंचे विधायकों के जवाब ने जता दिया कि खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। एक तरफ सुक्खू के घर तो दूसरी ओर विक्रमादित्य के आवास पर फूल लिए उनके समर्थक पहुंचे। इस बीच विधानसभा स्पीकर ने 6 बागी कांग्रेस विधायकों की सदस्यता पर कैंची चला दी।  हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले छह बागी कांग्रेस विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी। 

स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने राज्यसभा चुनाव में बगावत करने वाले सभी 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा कहा कि दल-बदल कानून के तहत 6 माननीय विधायकों के खिलाफ शिकायत विधायक और मंत्री हर्ष वर्धन जी के माध्यम से हमारे सचिवालय को मिली थी... विधायकों ने चुनाव तो कांग्रेस पार्टी से लड़ा, लेकिन पार्टी का व्हिप उल्लंघन किया...लेकिन वोट नहीं दिया। मैंने सभी पक्षों को सुना। मेरे ऑर्डर के तीस पेज है। माननीय इस मामले पर पूरी सुनवाई की...मैंने दोनों पक्षों को पूरी तरह सुना। '

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जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनके नाम सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर,राजेंद्र सिंह राणा, चैतन्य शर्मा, देवेंदर भुट्टो, इंदर दत्त लखनपाल हैं।

डिप्टी सीएम भी पहुंचे 'ओक ओवर'

वहीं, सीएम के सरकारी आवास पहुंचे विधायक और पूर्व पीसीसी चीफ कुलदीप राठौर ने दावा किया कि सरकार मजबूत है, स्थिर है तथा इसे और मजबूत करने के प्रयास हैं। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री सहित कांग्रेस के अन्य विधायक ओक ओवर पहुंचे। ओक ओवर सुक्खू  का आधिकारिक आवास है।  खबर है कि 28 फरवरी को पर्यवेक्षकों ने चर्चा परिचर्चा की उसके बाद  एक-एक विधायक से उनकी राय पूछी गई। सूत्रों की मानें तो अब पर्यवेक्षक एक बार फिर से विधायकों से मुलाकात कर सकते हैं और फिर केंद्रीय हाईकमान को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

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इस्तीफे के बाद विक्रमादित्य का यूटर्न

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने 28 फरवरी की सुबह इस्तीफे का ऐलान किया। फिर देर रात राजीव शुक्ला, भूपेश बघेल और अन्य के साथ चर्चा के बाद उन्हें मना लिया गया। जिस पर विक्रमादित्य सिंह ने यू टर्न लिया और कहा कि वे अब इस्तीफे पर जोर नहीं देंगे। देर रात तक कांग्रेस में कई दौर की चर्चा चली। इसके बाद सुक्खू बजट पास होने के बाद तारादेवी मंदिर भी पहुंचे। 

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 29 February 2024 at 12:17 IST