अपडेटेड 19 December 2024 at 19:55 IST

उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में अवैध बैनर-होर्डिंग को ‘भयावह’ स्थिति करार दिया

बम्बई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र में अवैध होर्डिंग और बैनर की बढ़ती संख्या को ‘‘भयावह’’ और ‘‘दुखद स्थिति’’ करार दिया।

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Bombay High Court
Bombay High Court | Image: PTI (Representational Image)

बम्बई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र में अवैध होर्डिंग और बैनर की बढ़ती संख्या को ‘‘भयावह’’ और ‘‘दुखद स्थिति’’ करार दिया। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने सभी राजनीतिक दलों को नोटिस जारी कर निर्देश दिया कि वे बतायें कि अदालत के आदेशों की अवहेलना करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।

पिछले कई सालों से उच्च न्यायालय अवैध बैनर एवं होर्डिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दे रहा है और उसने सभी राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करने का आश्वासन देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने को कहा था कि उनके कार्यकर्ता ऐसे होर्डिंग नहीं लगाएंगे। इसके बाद सभी राजनीतिक दलों- भाजपा, कांग्रेस, शिवसेना, राकांपा और मनसे - ने हलफनामा दाखिल किया था।

पीठ ने कहा, ‘‘अदालत ने अपने पहले के आदेशों में राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए हलफनामों को रिकॉर्ड में लिया था। हालांकि, ऐसा लगता है कि राजनीतिक दल इस पर खरा नहीं उतरे हैं।’’

इसने कहा, ‘‘हम उन्हें (राजनीतिक दलों को) नोटिस जारी कर ये कारण बताने को कहते हैं कि 2017 में दिए गए फैसले की अवहेलना के लिए उनके खिलाफ अदालत की अवमानना के तहत उचित कार्रवाई क्यों न की जाए।’’

पीठ ने कहा कि चुनाव के बाद राज्य भर में अवैध होर्डिंग, बैनर और पोस्टरों की संख्या में वृद्धि हुई है।

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अदालत ने कहा, ‘‘इससे अधिक भयावह क्या हो सकता है? हमारे (2017 के) फैसले में अवैध होर्डिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन देखिए हम किस दिशा में जा रहे हैं। यह बहुत दुखद स्थिति है।’’

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी, 2025 के लिए सूचीबद्ध की।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 19 December 2024 at 19:55 IST